घबराएं नहीं! कानपुर में संक्रमण से बचने के लिए टीमें अलर्ट, पढ़िए- CMO डाॅ. अनिल मिश्रा का पूरा इंटरव्यू
New Cases of COVID-19in UP कानपुर शहर में वैक्सीनेशन की शुरुआत मेयर के वैक्सीनेशन के बाद ही होगी। दैनिक जागरण ने सीएमओ डॉ. अनिल मिश्रा से साक्षात्कार कोरोना और शहर की स्वास्थ्य संबंधी सुविधाओं को लेकर प्रश्न पूछे। उन्होंने बताया वैक्सीनेशन मार्च के पहले सप्ताह से शुरू करने की तैयारी।
कानपुर, जेएनएन। New Cases of COVID-19in UP जब कोरोना वायरस कहर बरपा रहा था और जिले में हालात बेकाबू हो चुके थे तो ऐसे हालात में स्वास्थ्य महकमे की कमान डॉ. अनिल मिश्रा को सौंपी गई थी। बतौर मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) चुनौती को स्वीकार करते हुए वह बेहतर रणनीति, कार्य योजना एवं आपसी समन्वय के दम पर वायरस के संक्रमण को नियंत्रित करने में कामयाब हुए। अब वैक्सीनेशन को सफलतापूर्वक आगे बढ़ा रहे हैं। उनका कहना है कि अब आमजन यानी 60 की उम्र पार बुजुर्गों व 45 की उम्र पार अन्य बीमारियों से पीडि़तों का वैक्सीनेशन मार्च के पहले सप्ताह से शुरू करने की तैयारी है। शहर की महापौर के वैक्सीनेशन के साथ ही आमजन को वैक्सीनेशन का आगाज करेंगे। कोरोना वैक्सीनेशन एवं स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर दैनिक जागरण संवाददाता से बेबाकी से अपनी बात रखी, पेश है उसके अंश-
शासन से आमजन के वैक्सीनेशन के लिए 50 की उम्र पार व्यक्तियों का डाटा तैयार करने का निर्देश था, जो भेज दिया गया। अब प्रधानमंत्री ने 60 की उम्र पार बुजुर्गों के वैक्सीनेशन का ऐलान कर दिया है। हालांकि शासन से न कोई दिशा-निर्देश और न गाइडलाइन मिली है। नई घोषणा के हिसाब से तैयारी शुरू कर दी है। अब आंकड़े भी बदल जाएंगे। वैक्सीनेशन के लिए 60 की उम्र पार बुजुर्ग या 45 की उम्र पार अन्य बीमारियों से पीडि़त अपना पंजीकरण कैसे कराएंगे?
आमजन के वैक्सीनेशन को लेकर शासन स्तर से लगातार बैठकें हो रही हैं। उस मंथन में उनके पंजीकरण के लिए कोविन पोर्टल को आमजन के लिए खोला जाना है, ताकि वैक्सीनेशन कराने के लिए स्वयं पंजीकरण करा सकें। जो पंजीकरण नहीं करा सकते हैं, उनके लिए विभाग में पंजीकरण का बंदोबस्त कराया जाएगा। इस संदर्भ में एक-दो दिन में गाइडलाइन मिल जाएगी। उसके बाद ही कोविन पोर्टल भी पंजीकरण के लिए खुल जाएगा।
आमजन के कोरोना वैक्सीनेशन के लिए क्या संभावित तिथि घोषित की गई है?कोविन पोर्टल तो अभी तक पंजीकरण के लिए खुला नहीं है। न ही कोई गाइडलाइन आई है। इसलिए आमजन का वैक्सीनेशन चार मार्च को लांच करने की तैयारी में हैं। उस दिन नगर निगम में शहर के प्रथम नागरिक यानी महापौर को वैक्सीन लगाकर शुरू करेंगे। उस दिन 60 की उम्र पार सभी पार्षदों को वैक्सीन लगवाएंगे। उसके बाद फिर वैक्सीन लगाने की शुरुआत हो जाएगी।
शासन से पहले मिले दिशा-निर्देश में एक बूथ पर 125 व्यक्तियों के वैक्सीनेशन का लक्ष्य है। उसके हिसाब से वैक्सीनेशन सेंटर और बूथ बनाकर 15 दिन में वैक्सीनेशन पूरा करना है। 60 की उम्र पार महिलाओं के लिए वैक्सीनेशन के लिए कोई अलग इंतजाम किए गए हैं?
आठ मार्च को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस है। उस दिन जिले के शहरी और ग्रामीण क्षेत्र में दो बूथ बनाए जाएंगे, जहां सिर्फ महिलाओं को ही वैक्सीन लगाई जाएगी। वैक्सीन लगाने से लेकर मॉनीटङ्क्षरग करने वाली भी महिलाएं होंगी। इसके लिए डफरिन अस्पताल में व्यवस्था की जा रही है। इस सेंटर का शुभारंभ उच्च शिक्षा राज्य मंत्री नीलिमा कटियार करेंगी।
प्रदेश का यह प्रमुख औद्योगिक शहर है। देश-दुनिया से लोगों का यहां आना-जाना लगा रहता है। इस वजह से काफी संवेदनशील है। इसलिए पूर्व की भांति सभी जिम्मेदार अधिकारियों को अलर्ट कर दिया है। 15 वैन लगाई गईं हैं, आरआरटी टीमें कांटेक्ट ट्रेङ्क्षसग एवं सर्विलांस में जुट गईं हैं। हर नर्सिंग होम में फ्लू कार्नर सक्रिय कर दिए गए हैं।
केंद्र सरकार ने विदेश से यात्रा कर लौटे लोगों की सूची तैयार करना शुरू कर दिया है, जो जल्द ही मुहैया कराई जाएगी। एयरपोर्ट, रेलवे स्टेशन और बस अड्डा में एक-एक टीम लगाई गई, जो रैपिड वहां से आने वालों की स्क्रीङ्क्षनग एवं सैंपङ्क्षलग करेगी। कोरोना वायरस के संक्रमण का लक्षण मिलने पर तत्काल इलाज मुहैया कराया जाएगा। कोरोना के इलाज प्रबंधन में स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर क्या समस्याएं आईं?
कोरोना काल में स्वास्थ्य सेवाओं की अहमियत पता चली है। मरीजों की संख्या के हिसाब से सुविधाएं और संसाधन नहीं थे। इस दौरान शासन का जहां पूरा सहयोग मिला, वहीं निजी क्षेत्रों ने बढ़कर भागेदारी निभाई। शासन की पहल पर मेडिकल कॉलेज, उर्सला एवं कांशीराम अस्पताल को बड़ी संख्या में वेंटीलेटर मिल गए। संक्रमितों के लिए आइसीयू बनाए गए और तेजी से बेड की संख्या बढ़ाने में सक्षम हुए। अस्पतालों में ऑक्सीजन पाइप लाइन से लेकर आधुनिक उपकरण मुहैया करा दिए गए, जिसका परिणाम रहा कि मौतों पर अंकुश लगा। अब स्थिति आपके सामने है। कोरोना की वजह से बच्चों व गर्भवती का रूटीन वैक्सीनेशन प्रभावित हुआ, उसका बैकलॉग कैसे खत्म करेंगे?
लगभग नौ महीने तो कोई काम ही नहीं हो सका। इस वजह से जिले में नियमित टीकाकरण घटकर 72 फीसद पर पहुंच गया है। उसके लिए विशेष अभियान चलाया जा रहा है। मुख्यमंत्री स्वास्थ्य मेले में भी वैक्सीनेशन कराया जा रहा है। एएनएम, आशा कार्यकर्ता एवं आंगनबाड़ी को भी इसे प्रोत्साहित करने के लिए गांव-गांव भेज रहे हैं। कोरोना काल के बाद स्वास्थ्य सेवाओं की बेहतरी के लिए क्या रणनीति है?
कोरोना की वजह से ओपीडी एवं रूटीन के कार्य पूरी तरह बंद करने पड़े थे। इसी तरह स्वास्थ्य कार्यक्रम भी ठप हो गए थे। अब बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम, परिवार नियोजन एवं नॉन कम्यूनिकेबल डिजीज प्रोग्राम, संचारी रोग अभियान, दस्तक कार्यक्रम के माध्यम से तेजी लाई जा रही है। ओपीडी सेवाएं और रूटीन के कार्य भी पूरी क्षमता से शुरू हो गए हैं। सेमिनार एवं ट्रेङ्क्षनग कार्यक्रम के माध्यम से डॉक्टरों एवं कर्मचारियों को भी सक्रिय किया जा रहा है। शहर के दक्षिण क्षेत्र में सौ बेड की स्थापना लंबे समय से अटकी है, आपके स्तर से कोई प्रयास?
जिले के दक्षिण क्षेत्र नौबस्ता में 100 बेड की स्वीकृति शासन से मिल गई है। इसके लिए सभी औपचारिकताएं पूरी करने के बाद टेंडर प्रक्रिया शुरू कराई जाएगी। शहर के दक्षिण क्षेत्र की जनता के लिए बड़ी सौगात होगी।