अचानक बढ़े कोरोना संक्रमितों ने बढ़ाई चिंता

कोरोना जांच के दौरान बुधवार को अचानक मिले 30 संक्रमितों ने चिंता बढ़ा दी है।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 30 Jul 2021 02:06 AM (IST) Updated:Fri, 30 Jul 2021 02:06 AM (IST)
अचानक बढ़े कोरोना संक्रमितों ने बढ़ाई चिंता
अचानक बढ़े कोरोना संक्रमितों ने बढ़ाई चिंता

जागरण संवाददाता, कानपुर : कोरोना जांच के दौरान बुधवार को अचानक मिले 30 संक्रमितों ने चिंता बढ़ा दी है। कांटेक्ट ट्रेसिग में सामने आया है कि चार का वैक्सीनेशन पूर्ण हो गया था, जबकि दो को वैक्सीन की सिगल डोज लगी थी फिर भी संक्रमित हुए। बाकी अस्पताल में इलाज कराने गए थे, वहां जांच में संक्रमण की पुष्टि हुई। हालांकि राहत की बात ये है कि उनमें कोई लक्षण या बीमारी को लेकर कोई जटिलता नहीं मिली और न ही इनमें कोई अस्पताल में भर्ती है। चिकित्सक सलाह दे रहे हैं कि कोरोना से बचाव के लिए सतर्कता जरूरी है। वैक्सीनेशन के बाद भी कोरोना संक्रमण हो सकता है। इसलिए, मास्क जरूर लगाएं और शारीरिक दूरी का पालन करें।

जीएसवीएम मेडिकल कालेज की कोविड-19 लैब की जांच रिपोर्ट में बुधवार को 30 संक्रमित पाए गए थे। राज्यपाल और मुख्यमंत्री के शहर में होने की वजह से खलबली मच गई। जब कांटेक्ट ट्रेसिग कराई गई तो उसमें से दो हरदोई एवं उन्नाव के थे, जबकि तीन हमीरपुर के थे। स्वास्थ्य विभाग ने सुबह से देर शाम तक सभी का कांटेक्ट ट्रेस कर लिया। उसमें से एक महिला फोन पर बात तो कर रही थी, लेकिन बीच-बीच में अपना फोन भी बंद कर देती थी, जिससे उसके बारे में पूरी जानकारी नहीं हो सकी।

1424 की रिपोर्ट निगेटिव

बुधवार देर रात तक स्वास्थ्य विभाग के डा. गौरव त्रिपाठी एवं डा.अमित ओझा के निर्देशन में रैपिड रिस्पांस टीम ने सभी कोरोना संक्रमितों की कांटेक्ट ट्रेसिग पूरी कर ली। प्रत्येक संक्रमित के स्वजन एवं संपर्क में आए लोगों की सैपलिग की गई। इसके लिए 22 मेडिकल टीमें लगाई गईं थीं। इन मेडिकल टीमों ने देर रात तक 1424 सैंपल एकत्र किए। उनकी देर रात ही मेडिकल कालेज के माइक्रोबायोलाजी विभाग की कोविड-19 लैब की जांच कराई। सभी की रिपोर्ट निगेटिव आने पर स्वास्थ्य विभाग ने राहत की सांस ली।

इलाज के लिए गए, संक्रमित मिले

उसमें से 17 कोरोना संक्रमित ऐसे मिले हैं, जो इलाज कराने के लिए एलएलआर अस्पताल (हैलट) और लक्ष्मीपत सिंहानिया हृदय रोग संस्थान (कार्डियोलाजी) गए थे। उसमें ब्लड प्रेशर, मधुमेह, हार्ट और कैंसर पीड़ित हैं। प्रतिरोधक क्षमता कम होने से कोरोना की चपेट में आ गए।

भुवनेश्वर से परीक्षा देने आया युवक

ओडिशा की राजधानी से भुवनेश्वर से अपने माता-पिता के साथ युवक परीक्षा देने शहर आया था। उसे 17 जुलाई को बुखार आ गया था। 24 जुलाई को जांच कराई तो कोरोना संक्रमित निकला।

सिर्फ दो को खांसी-बुखार : कांटेक्ट ट्रेसिग के दौरान सिर्फ दो संक्रमित ही खांसी और बुखार की समस्या से पीड़ित मिले। उसके अलावा उन्हें कोई दिक्कत नहीं थी। न ही उनकी सांस फूल रही थी।

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एक दिन में इतने मामले, उठ रहे सवाल

राज्यपाल आनंदीबेन पटेल और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बुधवार को शहर में थे और उसी दिन एक साथ 35 लोगों में कोरोना संक्रमण की पुष्टि ने खलबली मचा दी थी। हालांकि उससे एक दिन पहले दो मामले आए जबकि गुरुवार को भी दो ही मामले आए। ऐसे में सवाल उठ रहे हैं कि बुधवार को ऐसा क्या हुआ कि अचानक केस बढ़ गए और अगले दिन कम हो गए।

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- वैक्सीनेशन के बाद भी कोरोना का खतरा हो सकता है लेकिन जटिलताएं नहीं होती हैं। सतर्कता बरतनी चाहिए और वैक्सीनेशन जरूर कराना चाहिए। जिन्होंने वैक्सीनेशन नहीं कराया है, उनके लिए खतरा ज्यादा है।

प्रो.रिचा गिरि, उप प्राचार्य, जीएसवीएम मेडिकल कालेज

सभी कोरोना संक्रमित की कांटेक्ट ट्रेसिग करा ली गई है। प्रत्येक संक्रमित के 50 से 60 स्वजन, रिश्तेदार एवं परिचितों की सैंपलिग कराई गई है। गुरुवार देर शाम तक उनके सैंपल जांच के लिए मेडिकल कालेज भेज दिए थे, सुबह आई रिपोर्ट में कोई संक्रमित नहीं मिला है। मौसम बदला है, ऐसे में जिनकी प्रतिरोधक क्षमता कमजोर है वही कोरोना की चपेट में आए हैं। किसी में कोई लक्षण नहीं मिला है।

- डा. नैपाल सिंह, सीएमओ, कानपुर नगर।

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