मासूम बच्ची को हवस का शिकार बनाने में दोषी को आजीवन कारावास
फर्रुखाबाद जनपद में खिलाने के बहाने ले जाकर तीन साल की मासूम बच्ची के साथ हैवानियत करने वाले को पाक्सो अधिनियम के विशेष न्यायाधीश हर्षवर्धन ने दुष्कर्म व पाक्सो अधिनियम में आजीवन कारावास की सजा सुनाते हुए 50 हजार का अर्थदंड भी लगाया।
कानपुर, जेएनएन। फर्रुखाबाद में तीन वर्षीय बालिका को खिलाने का झांसा देकर आरोपित उसे घर से ले गया और झाड़ियों में ले जाकर दुष्कर्म किया। इस मामले की सुनवाई पाक्सो अधिनियम के विशेष न्यायाधीश हर्षवर्धन ने की। न्यायाधीश ने आरोपित को दुष्कर्म व पाक्सो अधिनियम में आजीवन कारावास की सजा सुनाते हुए 50 हजार का अर्थदंड भी लगाया।
शमसाबाद थाना क्षेत्र निवासी युवक ने एक जनवरी 2016 को थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। जिसमें कहा गया था कि उनकी तीन वर्षीय पुत्री को गांव समैचीपुर चितार निवासी सउना उर्फ शान मोहम्मद खिलाने का झांसा देकर उनके घर से ले गया। काफी देर तक पुत्री वापस नहीं आयी तो उन्होंने खोजबीन शुरू की। पड़ोस के ही एक मकान के पीछे खड़ी झाडिय़ों के पास कुत्तों के भौंकने की आवाज सुनकर वह लोग मौके पर पहुंचे। सउना बच्ची के साथ दुष्कर्म कर रहा था। उनकी आवाज सुनकर आरोपित पुत्री को गड्ढे में फेंककर मौके से भाग गया। बच्ची के नाजुक अंगों से खून बह रहा था। मुकदमे के विवेचक ने अभियुक्त के खिलाफ न्यायालय में आरोपपत्र दाखिल किया।
इस मामले में एडीजीसी शिवनरेश सिंह, अनुज कटियार व बचाव पक्ष की दलीलें सुनने के बाद न्यायाधीश ने अभियुक्त को दोषी करार दिया। न्यायाधीश ने अभियुक्त शान मोहम्मद को दुष्कर्म और पाक्सो अधिनियम के तहत दोषी ठहराते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। इसके अलावा 50 हजार रुपये जुर्माने की सजा से भी दंडित किया है। जुर्माना अदा न करने पर एक वर्ष की अतिरिक्त कैद के भी आदेश दिए हैं, वहीं जिला विधिक सेवा प्राधिकरण को पत्र भेजकर बालिका के पुनर्वास के लिए शासन द्वारा चलाई गई योजनाओं का लाभ दिलाने का भी आदेश दिया है।