कानपुर भविष्य निधि कार्यालय में नाम सही कराने को भटक रहे अंशदाता, तीन दिनों में भुगतान कराने की कवायद

आल इंडिया ईपीएफ स्टाफ संघ के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रशांत शुक्ला ने बताया कि वर्ष 2020 में जब भुगतान संबंधी प्रक्रिया को आनलाइन किया गया तो काफी हद तक यह दिक्कतें खत्म हो गई हैं। अब अंशदाता के सभी दस्तावेजों का सत्यापन आनलाइन हो रहा है।

By Shaswat GuptaEdited By: Publish:Fri, 30 Jul 2021 07:54 PM (IST) Updated:Fri, 30 Jul 2021 07:54 PM (IST)
कानपुर भविष्य निधि कार्यालय में नाम सही कराने को भटक रहे अंशदाता, तीन दिनों में भुगतान कराने की कवायद
भविष्य निधि कार्यालय की खबर से संबंधित सांकेतिक फोटो।

कानपुर, जेएनएन। भविष्य निधि कार्यालय में नाम सही कराने को लेकर रोजाना अच्छी संख्या में अंशदाता भटक रहे हैं और इस वजह से उन्हें देरी से पीएफ की राशि का भुगतान हो रहा है। वहीं, इस मामले पर भविष्य निधि कार्यालय के अफसरों का कहना है कि नियोक्ता की ओर से डाटा फीडिंग के दौरान की गई लापरवाही के चलते अंशदाताओं की मुश्किलें बढ़ गई हैं। दरअसल भविष्य निधि कार्यालय में जो अंशदाता आते हैं, उनके आधार कार्ड से उनके नाम का मिलान किया जाता है। इसके बाद, उनके पंजीकृत मोबाइल नंबर पर ओटीपी जाता है। मगर, जिन अंशदाताओं के नाम की स्पेलिंग और आधार कार्ड में अंकित नाम की स्पेलिंग से अलग हो जाती है, उनके भुगतान की प्रक्रिया रुक जाती है।

आनलाइन व्यवस्था होने से खत्म हो रहीं दिक्कतें: आल इंडिया ईपीएफ स्टाफ संघ के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रशांत शुक्ला ने बताया कि वर्ष 2020 में जब भुगतान संबंधी प्रक्रिया को आनलाइन किया गया तो काफी हद तक यह दिक्कतें खत्म हो गई हैं। अब अंशदाता के सभी दस्तावेजों का सत्यापन आनलाइन हो रहा है और विभागीय अफसरों के एक क्लिक करते ही फार्म सब्मिट हो जाता है। इसके बाद तीन दिनों के अंदर अंशदाता को भुगतान की राशि मिल जाती है।

इसलिए हुईं दिक्कतें: नियोक्ता की ओर से अंशदाता की जानकारियों को जब फीड किया जाता है, तो उसमें नाम की गड़बड़ी हो जाती है। फिर, जब अंशदाता का आधार कार्ड से नाम मिलाया जाता है तो सही स्पेलिंग न होने के चलते आवेदन निरस्त हो जाता है।

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