Conflict in BJP: भाजपा में चल रही अपने ही सदस्यों को साथ रखने की लड़ाई, जिपं अध्यक्ष चुनाव पर पड़ सकता असर
32 में से नौ जिला पंचायत सदस्य जीतने के बाद से भाजपा का चुनाव में उतर कर सीधी जीत हासिल कर लेने का सपना तो वैसे ही काफी धुंधला हो चुका है। पार्टी में स्वप्निल वरुण के अलावा राजा दिवाकर टिकट के दावेदार हैं।
कानपुर, जेएनएन। जिला पंचायत अध्यक्ष का चुनाव भी भाजपा के लिए आसान नहीं है। ऐसे मौके पर जब पार्टी जिला पंचायत अध्यक्ष पद के लिए अपना प्रत्याशी घोषित करने की तैयारी कर रही है, उसे अपने सदस्यों को ही एकजुट रखने में मशक्कत करनी पड़ रही है। पार्टी में टिकट के दो दावेदार होने से यह स्थिति बनी हुई है। पार्टी पदाधिकारी इस बात को लेकर आशंकित हैं कि जिस तरह दो खेमे बने हुए हैं, उसमें जिस खेमे के प्रत्याशी को टिकट नहीं मिला तो उसके वोट सपा के साथ न चले जाएं। ऐसे में पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष और प्रदेश के पंचायत चुनाव प्रभारी विजय बहादुर पाठक का आना अहम माना जा रहा है।
32 में से मात्र नौ जिला पंचायत सदस्य जीतने के बाद से भाजपा का चुनाव में उतरकर सीधी जीत हासिल कर लेने का सपना तो वैसे ही काफी धुंधला हो चुका है। पार्टी में पूर्व कैबिनेट मंत्री कमल रानी वरुण की बेटी स्वप्निल वरुण के अलावा राजा दिवाकर टिकट के दावेदार हैं। दोनों के पीछे कई-कई जनप्रतिनिधि खड़े हैं, जो टिकट की पैरवी कर रहे हैं। उनके साथ जिला पंचायत सदस्य भी खेमों में बंट चुके हैं। पार्टी पदाधिकारियों को इस गंभीर स्थिति की जानकारी भी है कि जिसे टिकट न मिला तो उसके समर्थक पार्टी प्रत्याशी के विरोध में भी वोट कर सकते हैं। पार्टी के सामने यह समस्या भी है कि टिकट तो किसी एक को ही मिलेगा, ऐसे में दूसरे खेमे के जिला पंचायत सदस्यों को कैसे पकड़ में रखा जाएगा। पदाधिकारियों के मुताबिक पंचायत चुनाव प्रभारी दो दिन कानपुर में रुकेंगे। वह सदस्यों के साथ भी बैठक कर उन्हें पार्टी के प्रति एकजुट रहने की बात कह सकते हैं।