कानपुर में कमिश्नरेट की मुश्किल : न गाड़ी, न आवास और काम ताबड़तोड़, कैसे बदलेगी व्यवस्था

डीसीपी पश्चिम भी पुलिस कार्यालय में बैठ रहे हैं। एसपी यातायात कार्यालय में डीसीपी यातायात कार्यालय बनाया गया है। डीपीसी दक्षिण और पूर्वी को भी कार्यालय मिल गए हैं मगर डीसीपी क्राइम और हेडक्वार्टर कहां बैठेंगे इस पर निर्णय नहीं लिया गया है।

By Akash DwivediEdited By: Publish:Sat, 03 Apr 2021 06:50 PM (IST) Updated:Sat, 03 Apr 2021 06:50 PM (IST)
कानपुर में कमिश्नरेट की मुश्किल : न गाड़ी, न आवास और काम ताबड़तोड़, कैसे बदलेगी व्यवस्था
एडीसीपी के कार्यालयों का भी निर्धारण अब तक नहीं हो सका है

कानपुर, जेएनएन। शहर में कमिश्नरेट प्रणाली धीरे-धीरे करके जोर पकड़ रही है, लेकिन अफसरों के लिए संसाधन जुटाना बड़ी चुनौती है। कार्यालय ही नहीं कमिश्नरेट के अफसरों के पास घर और वाहन की भी कमी है। कमिश्नरेट प्रणाली लागू होने के बाद जनपद में पुलिस आयुक्त, दो अपर पुलिस आयुक्त, छह डीसीपी, नौ एडीसीपी और 20 एसीपी की तैनाती होनी है। इनमें से अधिकांश अधिकारी ज्वाइन कर चुके हैं या पहले से तैनात हैं। एक साथ इतनी बड़ी संख्या में अधिकारियों के आने से कार्यालय के अलावा उनके आवास और वाहनों के इंतजाम करना चुनौती है।

कार्यालय : पुलिस आयुक्त कार्यालय के लिए अब तक कोई नतीजा नहीं निकल सकता है। केडीए का क्रिस्टल पैलेस पुलिस आयुक्त कार्यालय की पहली पसंद है। पुलिस कार्यालय को अपर पुलिस आयुक्त कार्यालय बनाने का फैसला लिया गया है। यहां डीआइजी बैठते थे, वहां एक अपर पुलिस आयुक्त बैठ सकते हैं, मगर दूसरे कहां बैठेंगे कोई पता नहीं है। डीसीपी पश्चिम भी पुलिस कार्यालय में बैठ रहे हैं। एसपी यातायात कार्यालय में डीसीपी यातायात कार्यालय बनाया गया है। डीपीसी दक्षिण और पूर्वी को भी कार्यालय मिल गए हैं, मगर डीसीपी क्राइम और हेडक्वार्टर कहां बैठेंगे इस पर निर्णय नहीं लिया गया है। इसी तरह एडीसीपी के कार्यालयों का भी निर्धारण अब तक नहीं हो सका है।

आवास : अधिकारियों के लिए आवास की भी बड़ी समस्या है। पुलिस आयुक्त एसएसपी आवास से ही कार्यालय चला रहे हैं, जबकि अपर पुलिस आयुक्त आकाश कुलहरि सीएसए गेस्ट हाउस, अपर पुलिस आयुक्त डॉ. मनोज व डीसीपी क्राइम सलमान ताज पाटिल एचबीटीयू गेस्ट हाउस, डीसीपी अनूप कुमार सॢकट हाउस, डीसीपी संजीव त्यागी आइआइटी गेस्ट हाउस में रुके हैं। डीसीपी यातायात बीबीजीटीएस मूर्थी को जरूर लक्ष्मणबाग स्थित पुराना सरकारी आवास मिल गया है।

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