कानपुर के सौ साल पुराने इस मार्केट में फिर से आने लगी रंगत, दुकानदार बोले... अब मिला सुकून
कानपुर में कपड़ा मिलों की स्थापना के साथ ही यहां कपड़ा बाजार सजने लगा था। आसपास के एक दर्जन से ज्यादा जिलों के दुकानदार कानपुर से माल खरीदते हैं और अब जैसे ही कोरोना संक्रमितों की संख्या कम हुई दूसरे जिलों के कारोबारी यहां आकर खरीदने करने लगे हैं।
कानपुर, जेएनएन। कपड़े खरीदने का जिक्र आते ही लोगों के जेहन में जनरलगंज कपड़ा बाजार जरूर आता है। पहले कोरोना संक्रमण का हमला और उसके बाद कोरोना कफ्र्यू की वजह से बाजार ठंडा पड़ गया था, लेकिन कफ्र्यू में दी गई ढील के बाद से थोक बाजार की रौनक लौटने लगी है। ट्रांसपोर्टरों के गोदामों में रखा सूरत, मुंबई का माल शोरूम में सजने लगा है। यह बाजार सौ वर्ष से भी ज्यादा पुराना है। कानपुर में कपड़ा मिलों की स्थापना के साथ ही यहां कपड़ा बाजार सजने लगा था। आसपास के एक दर्जन से ज्यादा जिलों के दुकानदार कानपुर से माल खरीदते हैं और अब जैसे ही कोरोना संक्रमितों की संख्या कम हुई दूसरे जिलों के कारोबारी यहां आकर खरीदने करने लगे हैं। व्यापारियों का मानना है कि रक्षाबंधन के मौके पर बाजार चरम पर रहेगा।
यहां जाता है माल : जनरलगंज बाजार से कानपुर देहात, इटावा, औरैया, फतेहपुर, हमीरपुर, इलाहाबाद, मिर्जापुर, उन्नाव, लखनऊ के अलावा पूर्वी उत्तर प्रदेश, बिहार के जिलों में माल जाता है।
आंकड़ों के अनुसार
100 करोड़ रुपये रोज की बिक्री होती सीजन में। 3000 से ज्यादा थोक की दुकानें हैं जनरलगंज में। 50 फीसद से ज्यादा कर्मचारी उन्नाव के निवासी।व्यापारी बोले
-चरनजीत सिंह सागरी, अध्यक्ष, कानपुर कपड़ा कमेटी। कोरोना कफ्र्यू ने बिक्री खत्म हो गई थी। अब पाबंदियां कम हुईं हैं तो व्यापार दोबारा पटरी पर आना शुरू हो गया है। -अमित दोसर, उपाध्यक्ष, कानपुर कपड़ा कमेटी।