कानपुर में कलेक्ट्रेट व तहसील में पसरा सन्नाटा, दूसरी जगह जिम्मेदारी संभाल रहे कर्मचारी
सिटी साइड आरक्षण केंद्र की बात करें तो यहां एक समय में 16 लोग काम करते हैं चूंकि यह ऐसा काम है जिसे रोका नहीं जा सकता इसलिए यहां अब 12 कर्मचारी एक समय पर काम करते दिखते हैं। अन्य कर्मचारी दूसरी जगह लगाए गए हैं।
कानपुर, जेएनएन। कोविड संक्रमण के दौरान प्रदेश सरकार ने कर्मचारियों को शिफ्टवार बुलाने के निर्देश दिए थे। एक समय में फिर 33 फीसद कर्मचारियों के काम लेने के निर्देशों के चलते ही सरकारी कार्यालयों में सन्नाटा पसरा है। ऐसा नहीं कि जिन कर्मचारियों को बुलाया गया वे काम नहीं कर रहे हैं। उन्हेंं दूसरी जिम्मेदारियां दी गईं हैं। अधिकतर कर्मचारी कोविड ड्यूटी में लगाए गए हैं। कलेक्ट्रेट के नजारत विभाग में एक समय में 12 से 15 कर्मचारी काम करते थे। अब वहां सिर्फ चार कर्मचारी ही बैठे दिखते हैं। कलेक्ट्रेट में कार्यरत 70 कर्मचारियों में से एक तिहाई कोविड ड्यूटी में लगे हैं।
इनमें से तमाम स्टैटिक मजिस्ट्रेट ऑक्सीजन प्लांट, कोविड हेल्पडेस्क पर लगाए गए हैं। इसके अलावा तकरीबन दस फीसद कर्मचारी अवकाश पर चल रहे हैं। इसी तरह रेलवे में कार्यरत छह हजार कर्मचारियों में से ज्यादातर परिचालन में रहते हैं। सिटी साइड आरक्षण केंद्र की बात करें तो यहां एक समय में 16 लोग काम करते हैं, चूंकि यह ऐसा काम है, जिसे रोका नहीं जा सकता, इसलिए यहां अब 12 कर्मचारी एक समय पर काम करते दिखते हैं। अन्य कर्मचारी दूसरी जगह लगाए गए हैं। वहीं बीएसएनएल में वीआरएस योजना लागू होने के बाद पहले ही कर्मचारियों की संख्या 70 फीसद तक कम हो चुकी है। वर्तमान में यहां 280 कर्मचारी हैं। इनमें से 50 फीसद लोग बीमार हैं।