Cleanliness Survey: शहर को कचरा घर न समझकर ड्राइंग रूम समझें, बदल जाएगी कानपुर की सूरत, इन बातों का रखें ख्याल
सरकारी तंत्र को कोसना बहुत आसान है लेकिन शहर को साफ-सुथरा रखने के लिए हमने क्या किया यह बहुत जरूरी है। हम जब खुद शहर को गंदा कर रहे हैं तो कानपुर को सफाई में नंबर वन कैसे बना सकते हैं। इसके लिए हमें खुद जिम्मेदारी निभानी होगी।
कानपुर, जागरण संवाददाता। सरकारी तंत्र के साथ ही लोगों की जागरूकता व सहयोग का ही नतीजा है कि इंदौर पांच साल से लगातार सफाई व्यवस्था में देश में प्रथम स्थान पा रहा है। सफाई व्यवस्था में कानपुर भी चार साल में 65 वें स्थान से 21 वें स्थान पर पहुंचा है। सरकारी तंत्र के साथ ही जनता भी जागरूक हो जाए तो अपना शहर भी सफाई में नंबर एक बन सकता है। इसके लिए जरूरी है कि शहर को कचरा घर न समझकर ड्राइंग रूम समझें। गंदगी को डस्टबिन में डालें और पान मसाला को सड़क व फुटपाथ पर न थूकें। प्रतिबंधित पालीथिन का बहिष्कार करें। इसके लिए हर एक व्यक्ति को सहयोग करना होगा।
इस व्यवस्था से आएगी स्वच्छता
-सफाई होने को बाद सड़क पर गंदगी न फेंकें। सफाई करने आए कर्मचारी को कूड़ा दें।
-गीला, सूखा और मेडिकल कचरा अलग-अलग करके कूड़ा उठाने वाले को दें।
- खुले में शौच न जाकर शौचालयों का प्रयोग करें।
- नालियों को न बंद करें और कूड़े को नाली में न फेंकें।
- खरीदारी करने कपड़े का थैला ले जाएं और प्रतिबंधित पालीथिन का प्रयोग न करें।
- पान मसाला सड़क पर न थूककर डस्टबिन में डालें।
- हर दुकानदार व खाद्य सामग्री बेचने वाला डस्टबिन जरूर रखे।
भंडारे में बर्तन का करें प्रयोग
भंडारे में डिस्पोजल की जगह बर्तन का प्रयोग करें। स्मार्ट सिटी मिशन में निश्शुल्क बर्तन बैंक बनाया गया है। इसमें एक हजार लोगों के खाने की व्यवस्था है। कई समाजिक संस्थाओं ने भी बर्तन बैंक बनाए हैं। इससे सड़क पर गंदगी नहीं आएगी और धन की बर्बादी भी रुकेगी।
नाली पर न करें कब्जा
नालियों को खुला रखें। नालियों के ऊपर रैंप बना दिए जाने से सफाई नहीं हो पाती है। इससे क्षेत्र में पानी भरा रहता है और गंदगी फैलती है।
जुर्माने की भी व्यवस्था
कूड़ा जलाने में - 5000 रुपये
खुले में पेशाब करने में - 150 रुपये
खुले में शौच करने में - 500 रुपये
मैं भी स्वच्छता प्रहरी
-शहर को स्वच्छ रखने के लिए सभी को जागरूक होना होगा। केवल सरकारी तंत्र से व्यवस्था नहीं सुधर जाएगी। सभी शपथ लें कि गंदगी सड़क पर नहीं फेकेंगे। - अंजलि श्रीवास्तव फैशन डिजाइनर
-पढ़ाई के साथ ही बच्चों को सफाई के प्रति भी जागरूक किया जाता है। शहर स्वच्छ रहेगा तो लोग स्वस्थ्य रहेंगे। गंदगी डालने वालों पर जुर्माना लगाया जाए। भावना गुप्ता, प्रधानाचार्य सर पदम सिंहानिया एजुकेशन सेंटर