कानपुर में कोरोना की चैन तोडऩे के लिए बाजार बंदी के दावों का अब होगा इम्तिहान
लाटूश रोड लोहा बाजार किराना बाजार नौघड़ा कपड़ा बाजार ट्रांसपोर्ट नगर नौबस्ता गल्ला मंडी लगातार कोरोना के चलते खुद ही बंद किए गए हैं। इन बाजारों में कई ऐसे भी हैं जहां बंदी की घोषणा के बाद भी तमाम दुकानें खुली हैं।
कानपुर, जेएनएन। कोरोना की चेन को तोडऩे और खुद को सुरक्षित रखने के नजरिए से शहर के आधा दर्जन से ज्यादा बड़े बाजार दो सप्ताह से बंद किए हुए हैं, लेकिन रविवार को कई व्यापारियों ने वर्चुअल बैठक कर पूरे शहर को सात मई तक बंद कराने का निर्णय ले लिया। इसमें थोक और फुटकर दोनों बाजार को बंद रखने की बात कही गई। इनकी घोषणा का असली इम्तिहान मंगलवार की सुबह होगा जब यह पता चलेगा कि कितने बाजार बंद रहे और कितने खुले। पिछले दिनों मछरिया और नौबस्ता के व्यापार मंडलों ने भी अपने बाजार की बंदी की घोषणा की थी जो सफल नहीं हो सकी थी।
लाटूश रोड, लोहा बाजार, किराना बाजार, नौघड़ा कपड़ा बाजार, ट्रांसपोर्ट नगर, नौबस्ता गल्ला मंडी लगातार कोरोना के चलते खुद ही बंद किए गए हैं। इन बाजारों में कई ऐसे भी हैं जहां बंदी की घोषणा के बाद भी तमाम दुकानें खुली हैं। पिछले दिनों मनीराम बगिया का बाजार भी इसमें शामिल हो गया था। अब शहर के कई व्यापार मंडलों के नेताओं ने सात मई को सभी थोक व फुटकर दुकानें बंद रखने का निर्णय लिया है।
इस बैठक में लिए गए निर्णय में कई बड़ी समस्या हैं। कानपुर कपड़ा कमेटी की तरफ से इस बैठक में कोई नहीं था जबकि कपड़ा बाजार में डेढ़ हजार से ज्यादा दुकानें हैं। कपड़ा कमेटी के अध्यक्ष पहले ही कह चुके हैं कि अब वह तभी बंदी करेंगे जब सरकारी स्तर पर बंदी होगी। इसके अलावा बिरहाना रोड, नयागंज, चौक सराफा का भी इसमें कोई प्रतिनिधि नहीं रहा। शहर के कई व्यापारिक संगठनों के बड़े पदाधिकारी इस बैठक में नहीं थे। कारोबारियों के मुताबिक पूरे शहर को इस बैठक में लिए गए निर्णय के मुताबिक सात मई तक बंद कराना आसान नहीं है। हालांकि किराना, गल्ला मंडी, नौघड़ा कपड़ा कमेटी पहले ही अपनी बंदी को आगे भी रखने की घोषणा कर चुके हैं।