एक साल की हुई पहली मेक इन इंडिया ट्रेन वंदेभारत, चॉकलेट से कराया यात्रियों का मुंह मीठा

कानपुर सेंट्रल स्टेशन पर हाईस्पीड ट्रेन के चालक दल और गार्ड को फूल माला पहनाया गया।

By AbhishekEdited By: Publish:Tue, 18 Feb 2020 02:31 PM (IST) Updated:Tue, 18 Feb 2020 06:12 PM (IST)
एक साल की हुई पहली मेक इन इंडिया ट्रेन वंदेभारत, चॉकलेट से कराया यात्रियों का मुंह मीठा
एक साल की हुई पहली मेक इन इंडिया ट्रेन वंदेभारत, चॉकलेट से कराया यात्रियों का मुंह मीठा

कानपुर, जेएनएन। देश की पहली मेक इन इंडिया ट्रेन वंदेभारत (ट्रेन-18) एक्सप्रेस एक साल की हो गई। मंगलवार सुबह दिल्ली से सेंट्रल स्टेशन पहुंचने पर यात्रियों को फूल और चॉकलेट देकर मुंह मीठा कराया गया। चालक राम विनय शर्मा, रामदुलारे व गार्ड एमआर मीणा का माला पहनाकर अभिनंदन किया।

मंगलवार की सुबह 10.08 बजे बुके से सजी ट्रेन-18 सुबह सेंट्रल स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर पांच पर पहुंची, अफसरों ने यात्रियों को जब गुलाब का फूल और चॉकलेट देते हुए वंदेभारत का सफल संचालन का एक साल पूरा होने की जानकारी दी। चॉकलेट पाकर बच्चों के चेहरे खिल गए। स्टेशन अधीक्षक आरएनपी त्रिवेदी, सीटीएम दिवाकर तिवारी, अमित आनन्द, एच आर पांडेय, ज्ञान सिंह आदि मौजूद रहे।

शताब्दी से खास है ये हाईस्पीड ट्रेन

अब तक सभी ट्रेनों में इंजन अलग से लगता है, लेकिन भारत की पहली सेमी हाइस्पीड ट्रेन वंदे भारत इंजन रहित ट्रेन है। इसकी रफ्तार शताब्दी एक्सप्रेस के मुकाबले अधिक है। दिल्ली से वाराणसी के बीच का सफर आठ घंटे में तय करती है। इसके सभी कोच चेन्नई की इंटेग्रल कोच फैक्ट्री में तैयार किए गए हैं। 16 कोच की यह ट्रेन पूरी तरह से वातानुकूलित कुर्सीयान वाले हैं। एक्जीक्यूटिव क्लास में जो कुर्सियां हैं वो 180 डिग्री तक घूम सकती है। खास बात यह है कि पहली ट्रेन में मेट्रो की तर्ज पर गेट आटोमेटिक खुलते और बंद होते हैं। दिल्ली-वाराणसी रूट के बाद तीन अक्टूबर को दूसरी वंदे भारत दिल्ली से कटरा रूट पर चलाई गई थी।

चार घंटे में पूरा होता है दिल्ली का सफर

वंदेभारत एक्सप्रेस पहली ऐसा ट्रेन जो कि लगभग चार घंटे में दिल्ली से कानपुर की यात्रा पूरी करती है। दिल्ली से यह ट्रेन सुबह छह बजे चलती है और चार घंटा आठ मिनट में कानपुर पहुंचा देती है। इस दौरान ट्रेन 107 किमी प्रति घंटा की औसत रफ्तार से चलती है। जब कानपुर वाराणसी पहुंचने में ट्रेन को तीन घंटा 52 मिनट का समय लेती है। हालांकि वापस में कानपुर से दिल्ली के बीच वंदेभारत 20 मिनट अधिक समय लेती है। इस दौरान इसकी औसत गति 99 किमी प्रतिघंटा होती है। वहीं इस रूट पर चलने वाली दूसरी सबसे तेज ट्रेन कानपुर शताब्दी दिल्ली से 4.55 घंटा और स्वर्ण शताब्दी 5.08 घंटा का समय लेती हैं। दोनों की और गति क्रमश: 90 व 86 किमी प्रतिघंटा है।

लेट लतीफी पर नहीं लगी लगाम

हालांकि इन सके बावजूद वंदेभारत एक्सप्रेस लेटलतीफी पर लगाम कसने में कामयाब नहीं हो सकी। नई दिल्ली से कानपुर आने वाली वंदेभारत लगभग 80 फीसद बार समय से आई। ट्रेन औसत 16 मिनट देरी से चली। जबकि वाराणसी से आने वाली ट्रेन का प्रदर्शन बेहद खराब रहा। ट्रेन केवल 43 फीसद बार ही समय पर आई। इस ओर ट्रेन औसत रूप से 29 मिनट लेट रही।

जानिए क्या रूट टाइम

दिल्ली से कानपुर

सफर की संख्या : 255

राइट टाइम : 203

15 से 60 मिनट लेट : 33

एक घंटा से अधिक लेट : 19

वाराणसी से कानपुर

सफर की संख्या : 256

राइट टाइम : 111

15 से 60 मिनट लेट : 115

एक घंटा से अधिक लेट : 30 

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