चित्रकूट जुड़वा भाई हत्याकांड : अपहरणकर्ताओं ने फिरौती लेने के बाद की थी हत्या, पांच को आजीवन कारावास

12 फरवरी 2019 को सद्गुरु पब्लिक स्कूल बस में सवार तेल कारोबारी बृजेश रावत के छह वर्षीय के जुड़वां बेटे प्रियांश और श्रेयांश को बाइक से आए दो नकाबपोश बदमाशों ने तमंचा की नोक पर अगवा कर लिया था। अगले दिन अपहरणकर्ताओं ने दो करोड़ की फिरौती मांगी थी

By Akash DwivediEdited By: Publish:Mon, 26 Jul 2021 07:48 PM (IST) Updated:Mon, 26 Jul 2021 07:48 PM (IST)
चित्रकूट जुड़वा भाई हत्याकांड : अपहरणकर्ताओं ने फिरौती लेने के बाद की थी हत्या, पांच को आजीवन कारावास
जुड़वा भाई श्रेयांश व प्रियांश के अपहरण व हत्या के दोषियों को कोर्ट ले जाती पुलिस

चित्रकूट, जेएनएन। धर्मनगरी के बहुचर्चित जुड़वा भाई श्रेयांश और प्रियांश के अपहरण हत्याकांड के मामले की मध्यप्रदेश जिला सतना की एंटी डकैती कोर्ट में पांचों आरोपित को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। कोर्ट ने तीन आरोपित को अपहरण व हत्या और दो अपहरण व साजिश का दोषी माना है। इस मामले में छह आरोपितों के खिलाफ नयागांव थाना में मामला दर्ज हुआ था। जिसमें एक ने खुदकुशी कर लगा ली थी। इस फैसले का दोनों प्रदेश के लोगों को बेसब्री से इंतजार है। मासूमों की अपहरण व हत्या का मामला दोनों प्रदेश में गूंजा था।

दोषियों ने दो करोड़ की फिरौती के लिए उत्तर प्रदेश जिला चित्रकूट के कर्वी कोतवाली अंतर्गत सीतापुर चौकी के रामघाट निवासी तेल कारोबारी बृजेश रावत के छह वर्षीय के दो जुड़वां बेटे प्रियांश और श्रेयांश का मध्यप्रदेश के नयागांव थाना अंतर्गत सद्गुरु सेवा संघ ट्रस्ट के पब्लिक स्कूल से अपहरण किया था और 20 लाख की फिरौती वसूलने के बाद भी दोनों मासूम की निर्मम हत्या कर दी थी। शव को बांध कर यमुना नदी में फेंक दिया था। नयागांव पुलिस ने शव बरामद कर छह लोगों को जेल भेजा था। जिसमें घटना के मास्टर माइंड रामकेश यादव पुत्र रामचरण निवासी छिहराय थाना जमालपुर जिला (बांदा) ने सेंट्रल जेल सतना में फांसी लगा ली थी। इस मामले में चार्टशीट के 26 माह बाद सोमवार को एंटी डकैती कोर्ट के विशेष न्यायाधीश प्रदीप सिंह कुशवाह की अदालत का फैसला सुनाया।

अतिरिक्त अभियोजन अधिकारी धर्मेंद्र प्रताप सिंहऔर फरियादी बृजेश रावत के अधिवक्ता रामरूप पटेल ने दोष सिद्ध होने पर फांसी की सजा की मांग की थी। अभियोजन अधिकारी धर्मेंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि अदालत ने पदमकांत शुक्ला पुत्र रामकरण निवासी जानकीकुंड रघुवीर मंदिर के पास नयागांव सतना, राजू द्विवेदी पुत्र राकेश द्विवेदी निवासी भभुआ बांदा, विक्रम जीत पुत्र प्रहलाद सिंहनिवासी थाना व जिला जमुई बिहार को हत्या व अपहरण में आजीवन कारावास की सजा सुनाई। जबकि आलोक उर्फ लकी तोमर पुत्र सत्येंद्र सिंह निवासी तेंदुरा बांदा और अपूर्व उर्फ पिटा यादव पुत्र रामनरेश मौदहा हमीरपुर को अपहरण और घटना की साजिश का दोषी पाते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई। बताया कि हत्या व अपहरण के तीन दोषियों के आजीवन कारावास की सजा अलग-अलग चलेगी।

यह था मामला : 12 फरवरी 2019 को नयागांव थाना अंतर्गत सद्गुरु पब्लिक स्कूल बस में सवार तेल कारोबारी बृजेश रावत के छह वर्षीय के जुड़वां बेटे प्रियांश और श्रेयांश को बाइक से आए दो नकाबपोश बदमाशों ने तमंचा की नोक पर अगवा कर लिया था। अगले दिन अपहरणकर्ताओं ने दो करोड़ की फिरौती मांगी थी। 19 व 20 फरवरी की रात एक करोड़ और फिर 20 फरवरी को 20 लाख की फिरौती पर अपहरणकर्ता बच्चों की सकुशल रिहाई को राजी हुए थे। अगले दिन फिरौती की रकम चौसठ बल्लान में छोड़े जाने के बाद भी पहचान उजागर होने के डर से आरोपियों ने दोनों बच्चों की हत्या कर दी थी। 24 फरवरी को बांदा जिले में यमुना नदी के औगासी घाट से दोनों बच्चों के शव लोहे की जंजीरों से बंधे हुए बरामद किए थे।

सजा में यह बने सहायक 76 गवाह, 6000 पेज की चार्जशीट 348 दस्तावेज और 176 अर्टिकल आरोपियों से 2000 से ज्यादा प्रश्न बचाव पक्ष ने भी 18 गवाह पेश

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