Chitrakoot Jail Gang War: मेराज का शव लेकर स्वजन रवाना, मुकीम के घरवाले बोले- जेल से बाहर भी था एनकाउंटर का डर

चित्रकूट की हाईसिक्योरिटी जेल में शुक्रवार को गैंगवार में मेराज और मुकीम तथा पुलिस की गोली से अंशु के मारे जाने के बाद दूसरे दिन तीन डॉक्टरों के पैनल ने शवों का पोस्टमार्टम किया। सभी के स्वजन शव की सुपुर्दगी लेने के लिए सुबह से ही आ गए थे।

By Abhishek AgnihotriEdited By: Publish:Sat, 15 May 2021 02:17 PM (IST) Updated:Sat, 15 May 2021 02:17 PM (IST)
Chitrakoot Jail Gang War: मेराज का शव लेकर स्वजन रवाना, मुकीम के घरवाले बोले- जेल से बाहर भी था एनकाउंटर का डर
चित्रकूट जेल में गैंगवार में मारे गए थे शातिर अपराधी।

चित्रकूट, जेएनएन। जिला जेल में मारे गए पूर्वांचल से माफिया मुख्तार अंसारी के गुर्गे मेराज अली का पोस्टमार्टम कराने के बाद स्वजन शव लेकर शनिवार की दोपहर जौनपुर रवाना हो गए। जबकि मुकीम काला का शव लेने आई मां और मामा ने आरोप लगाते हुए कहा कि जेल से बाहर भी एनकाउंटर का डर था, जिसकी वजह से अबतक जमानत नहीं कराई गई थी। मुकीम, मेराज और अंशु के शव का पोस्टमार्टम तीन सदस्यीय चिकित्सक पैनल ने किया है।

जिला जेल में शुक्रवार की सुबह साढ़े नौ बजे हुए गैंगवार में शातिर शॉर्प शूटर अंशु दीक्षित ने कैराना पलायन के मुख्य आरोपित मुकीम काला और पूर्वांचल के माफिया मुख्तार अंसारी के खास मेराज अली की गोली मारकर हत्या कर दी थी। इस दौरान सुरक्षा कर्मियों से हुई मुठभेड़ में अंशू भी मारा गया था। देर शाम पुलिस अफसरों की जांच पूरी होने के बाद शवों को पोस्टमार्टम के लिए जिला अस्पताल भिजवाया गया था। इसके साथ पुलिस ने तीनों शातिर अपराधियों के घरवालों को भी सूचना भिजवा दी थी। इसके बाद रात में ही मेराज अली के परिजन चित्रकूट शव लेने आ गए थे। देर रात पोस्टमार्टम के बाद मेराज का शव पुलिस ने स्वजन के हवाले कर दिया था, जिसके बाद वह चले गए थे।

शनिवार की सुबह कुख्यात मुकीम काला का शव लेने मां मीना और मामा सुक्खा चित्रकूट पहुंचे। वह मुकीम का शव शामली कैराना ले जाने के लिए 28 हजार रुपये किराये पर एंबुलेंस लेकर आए हैं। पुलिस शव को सुपुर्द करने की तैयारी कर रही है। पोस्टमार्टम हाउस मुकीम की मां ने पुलिस व जेल प्रशासन पर हत्या का आरोप लगाया है। कहा कि जान के खतरा की बात कहकर सात मई को उसे सहारनपुर जेल से चित्रकूट शिफ्ट किया गया था और यहां पर लाकर मार दिया गया। मामा ने कहा कि मुकीम छह साल से जेल में बंद है। उसका कभी रिकार्ड खराब नहीं था। बाहर एनकाउंटर का डर था, जिस वजह से उसने जमानत नहीं ली थी। वहीं बचाव में पुलिस की गोली से मारे गए अपराधी अंशु के परिवार के सदस्य अभी चित्रकूट पहुंच रहे हैं।

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