Chitrakoot Jail Gang War : 9 एमएम की इटैलियन पिस्टल से ही मारी गई गोली, कर्वी कोतवाली में अंशु दीक्षित के खिलाफ हत्या और मुठभेड़ का मामला दर्ज
जिला जेल में मारे गए मेराज अली मुकीम काला और अंशु दीक्षित का पोस्टमार्टम तीन सदस्यीय चिकित्सक के पैनल ने किया। सूत्रों के हवाले में मेराज अली की रिपोर्ट में तीन गोली लगी है एक सिर और दो सीने में है
चित्रकूट, जेएनएन। जिला जेल में पूर्वांचल माफिया मुख्तार अंसारी के रिश्ते में भांजे और करीबी शार्प शूटर मेराज अली और कैराना पयालन के मुख्य आरोपित मुकीम काला को मारने के लिए अंशु दीक्षित ने 9 एमएम पिस्टल का प्रयोग किया था। इसकी पुष्टि मेराज पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मिली गोली से हो गई है। उसके दो गोलियां लगने की बात सामने आई। जो इटैलियन पिस्टल से मारी गईं। जेल में हुई वारदात की कर्वी कोतवाली में दो मुकदमे दर्ज कराए गए हैं।
हालांकि मुकदमे का आरोपित अंशु दीक्षित भी मुठभेड़ में मारा जा चुका है। जिला जेल में मारे गए मेराज अली, मुकीम काला और अंशु दीक्षित का पोस्टमार्टम तीन सदस्यीय चिकित्सक के पैनल ने किया। सूत्रों के हवाले में मेराज अली की रिपोर्ट में तीन गोली लगी है एक सिर और दो सीने में है। 9 एमएम इटैलियन पिस्टल की गोलियों से वह ढेर हुआ है। वहीं मुकीम काला के भी चार गोली लगने की बात सामने आई है। जबकि अंशु दीक्षित के शरीर में दो दर्जन गोलियां मिली है। दैनिक जागरण ने घटना वाले दिन 9 एमएम पिस्टल से हत्या की बात लिखी थी, जो सच निकली। पोस्टमार्टम के बाद मेराज, अंशु और मुकीम के शव उनके स्वजन को दे दिए गए हैं। अंशु व मुकीम के परिजनों से इसमें शासन व प्रशासन की साजिश का आरोप लगाया है।
अंशु दीक्षित के खिलाफ दो मुकदमे : जिला जेल में हुई गैंगवार और मुठभेड के कर्वी कोतवाली में अलग-अलग मुकदमे दर्ज कराए गए है। जेल अधीक्षक ने अपराधी अंशु दीक्षित के खिलाफ मेराज अली व मुकीम काला के हत्या का मुकदमा लिया है जो कर्वी कोतवाली प्रभारी निरीक्षक ने अंशु के खिलाफ मुठभेड़ का रिपोर्ट लिखाई है। हालांकि आरोपित अंशु भी मुठभेड़ में मारा जा चुका है। तो यह केस स्पंज हो जाएगा।
संजीव त्रिपाठी को मिली प्रयागराज डीआइजी की जिम्मेदारी : चित्रकूट जिला जेल की घटना के बाद शासन ने संजीव त्रिपाठी को डीआइजी कारागार प्रयागराज बनाया है साथ ही अयोध्या परिक्षेत्र का अतिरिक्त प्रभार सौंपा है। वह अभी तक डीआइजी कारागार लखनऊ परिक्षेत्र व कारागार मुख्यालय थे। उनको यहां से हटाकर नई जगह भेजा गया है।