Chitrakoot Jail Gang War-Encounter: निलंबित Jail अधीक्षक और जेलर से तीन घंटे पूछताछ, FIR की जांच भी शुरू

Chitrakoot Jail Gang War-Encounter मामले की जांच कर रहे डीआईजी जेल संजीव त्रिपाठी ने तीसरे दिन रविवार को जेल में पहुंचकर निलंबित जेल अधीक्षक श्रीप्रकाश त्रिपाठी और जेलर महेंद्र पाल को आमने-सामने बैठाकर करीब तीन घंटे तक पूछताछ की।

By Dharmendra PandeyEdited By: Publish:Mon, 17 May 2021 10:05 AM (IST) Updated:Mon, 17 May 2021 10:05 AM (IST)
Chitrakoot Jail Gang War-Encounter: निलंबित Jail अधीक्षक और जेलर से तीन घंटे पूछताछ, FIR की जांच भी शुरू
जेल में गैंगवार व पुलिस मुठभेड़ मामले की जांच भी पुलिस अफसरों ने शुरू कर दी

चित्रकूट, जेएनएन। गैंगवार में जिला जेल के अफसरों की लापरवाही परत दर परत खुलकर सामने आने लगी है।चित्रकूट जिला जेल में ईद के दिन (14 मई) तीन खूंखार अपराधियों के बीच हुए गैंगवार और तीनो की मौत के बाद मामले की जांच कर रहे डीआईजी जेल संजीव त्रिपाठी ने तीसरे दिन रविवार को जेल में पहुंचकर निलंबित जेल अधीक्षक श्रीप्रकाश त्रिपाठी और जेलर महेंद्र पाल को आमने-सामने बैठाकर करीब तीन घंटे तक पूछताछ की। जेल में गैंगवार व पुलिस मुठभेड़ मामले की जांच भी पुलिस अफसरों ने शुरू कर दी है।

डीआईजी जेल संजीव त्रिपाठी मामले की विभागीय जांच कर रहे हैं। रविवार को निलंबित जेल अधीक्षक श्रीप्रकाश त्रिपाठी व जेलर महेंद्र पाल से पूछताछ के बाद डीआईजी जेल ने निलंबित वार्डन संजय खरे, हरीशंकर व पीएसी जवान अमित को भी बुलाया और इन तीनों से भी पूछताछ की। सूत्रों के मुताबिक, सभी का कहना था कि गैंगवार के दौरान जेल की बैरक या गेेट के पास मौजूद नहीं थे। मुख्तार गैंग के शार्प शूटर को जेलर और जेल अधीक्षक खुला छोड़ कर खुद नाश्ता करने चले गए थे। दोनों अफसर तब लौटे जब अंशु कैराना पलायन के मुख्य आरोपित मुकीम काला को मार चुका था और मेराज अली के गोली दाग रहा था। त्रिपाठी ने दोनों निलंबित अफसरों से गैंगवार के दिन दोनों का मिनट टू मिनट काम जानने का प्रयास किया। पूछताछ के दौरान सभी ने यह बात भी बताई कि गोलियों की आवाज सुनकर मौके पर पहुंचे, लेकिन वहां का नजारा देख डर गए फिर अफसरों को सूचना दी। डीआईजी जेल ने सभी की सुुबह सात बजे से लेकर सुबह दस बजे तक की मौजूदगी के स्थल, फिर वहां से घटनास्थल तक आने का समय और उनके द्वारा की गई कार्रवाई को दर्ज किया है। इस बाबत डीआईजी जेल ने कुछ भी बताने से इनकार किया और कहा कि अभी जांच जारी है। सभी बिंदुओं पर जांच की जा रही है। जांच में पिस्टल व मैग्जीन कैसे और किसने पहुंचाई भी शामिल है।

दोनों एफआईआर की जांच भी शुरू: जेल में गैंगवार व पुलिस मुठभेड़ मामले की जांच भी पुलिस अफसरों ने शुरू कर दी है। सीओ शीतला प्रसाद पांडेय के साथ रविवार को तीन जांच अधिकारी कोतवाल वीरेंद्र त्रिपाठी, इंस्पेक्टर रामाश्रय सिंह व एसएसआई सुशील चंद्र शर्मा जेल परिसर पहुंचे और कुछ बंदियों से बातचीत की। सीओ ने बताया कि कोतवाली में दर्ज मारे गए शार्प शूटर अंशू दीक्षित की दोनों रिपोर्ट की जांच शुरू की गई है। उन बंदियों से खासकर जिन्हें शार्प शूटर ने बंधक बनाकर वारदात को अंजाम दिया से पूछताछ की गई। इसके बाद जेल में घटना वाले दिन मौजूद पुलिसकर्मियों और जेल कर्मियों के भी बयान दर्ज किए गए। 

सभी को ईद की पार्टी: जेल में बंद माफिया मुख्तार अंसारी के रिश्ते के भांजे मेराजुद्दीन उर्फ मेराज अली ने 13 मई को ही सभी को ईद की पार्टी देने को कहा था। 14 मई को ही ईद थी। उसने घोषणा कर दी थी कि ईद की शाम को सभी बंदियों को पनीर व पूड़ी का इंतजाम उसके खर्च पर होगा। इसे लेकर सभी खुश भी थे। घटना के बाद 14 मई की ही रात को पोस्टमार्टम हाउस में मृतक मेराज के परिजनों ने भी बताया था कि एक दिन पूर्व बात हुई थी जिसमें ईद की अग्रिम बधाई दी थी और जेल परिसर में सभी बंदियों को पार्टी करने की बात कही थी। 

चित्रकूट जिला जेल, रगौली में 14 मई को बांदा जेल में बंद माफिया मुख्तार अंसारी के शार्प शूटर रहे अंशू दीक्षित ने माफिया मुख्तार के रिश्ते के भांजे कुख्यात अपराधी मेराजुद्दीन उर्फ मेराज अली को गोलियों से उड़ा दिया था। इसके पूर्व उसने जेल में बंद पश्चिम उप्र के कुख्यात अपराधी मुकीम काला की भी गोलियों से भूनकर हत्या कर दी थी। बाद में पहुंची जिला पुलिस ने अंशू को भी मुठभेड़ के दौरान ढेर कर दिया था।  

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