बांदा में कमिश्नर ने दिया आदेश कि वाट्सएप ग्रुप बनाकर जोड़े जाएं अस्पताल के चिकित्सक व कर्मचारी

अस्पताल में आ रही समस्याओं को भी इस ग्रुप में डाला जाए। ऑक्सीजन की उपलब्धता का विवरण डॉक्टर हॉस्पिटल मजिस्ट्रेट दोनों संयुक्त हस्ताक्षर से इस ग्रुप में डालेंगे। अस्पताल के बाहर बोर्ड लगवाया जाए जिससे शासन के आदेशानुसार सुबह आठ बजे से शाम चार बजे तक अपडेट करते रहें।

By Akash DwivediEdited By: Publish:Sat, 08 May 2021 08:27 PM (IST) Updated:Sat, 08 May 2021 08:27 PM (IST)
बांदा में कमिश्नर ने दिया आदेश कि वाट्सएप ग्रुप बनाकर जोड़े जाएं अस्पताल के चिकित्सक व कर्मचारी
लहुरेट ग्राम पंचायत में निगरानी समिति की बैठक में उपस्थित उपनिदेशक पंचायत दिनेश सिंह व डीपीआरओ। फोटो स्रोत स्वयं

कानपुर, जेएनएन। मंडलायुक्त ने सभी अस्पतालों के वाट्सएप ग्रुप बनाकर अस्पताल के चिकित्सक, कर्मचारियों, सेक्टर मजिस्ट्रेट, डीएम सहित उन्हें जोडऩे के निर्देश दिए हैं। कहा कि दिन में दो बार निर्धारित समय पर सभी अपनी डयूटी का वीडियो अपलोड करेंगे। उनका यह प्रयास उपचार को चार चांद लगा देगा। मरीजों को उपचार के लिए भटकना नहीं पड़ेगा।

मंडलायुक्त दिनेश कुमार सिंह ने सभी जिलाधिकारियों को निर्देशित किया कि चारों जिलों के सभी एल-1, एल-2, एल-3 अस्पताल का अलग-अलग वाट्सएप ग्रुप बनाकर उसे कार्य रूप में लाया जाए। उन्होंने कहा कि बनाए गए ग्रुप में उस अस्पताल के संचालन के लिए तैनात सभी कर्मचारियों को जोड़ें। मुख्य चिकित्सा अधिकारी, अस्पताल के लिए नामित मजिस्ट्रेट, चिकित्सा विभाग से नामित नोडल अधिकारी को जोडऩे के साथ, जिलाधिकारी व उन्हें (मंडलायुक्त) भी जोड़ा जाए। ग्रुप में सभी कर्मचारी जो भी अस्पताल में कार्य कर रहे हैं उसको अपलोड करते रहें। एक बार सुबह 10 से 11 के बीच सभी मरीजों की लिस्ट और उसमें उनका तापमान, एसपीओ2 लेवल में पोस्ट किया जाए। दूसरी बार शाम को पांच से छह के बीच में सभी मरीजों का तापमान व एसपीओ-2 लेवल पोस्ट किया जाए। डॉक्टर के राउंड , स्टाफ के राउंड , साफ-सफाई और खाने के वीडियो ग्रुप में डाले जाएं।

अस्पताल में आ रही समस्याओं को भी इस ग्रुप में डाला जाए। ऑक्सीजन की उपलब्धता का विवरण, डॉक्टर, हॉस्पिटल, मजिस्ट्रेट दोनों संयुक्त हस्ताक्षर से इस ग्रुप में डालेंगे। अस्पताल के बाहर बोर्ड लगवाया जाए जिससे शासन के आदेशानुसार सुबह आठ बजे से शाम चार बजे तक अपडेट करते रहें। प्रत्येक अस्पताल में तैनात मजिस्ट्रेट दिन में कम से कम दो बार अस्पताल का भ्रमण कर देखेंगे कि मरीजों का सही ढंग से इलाज हो रहा है कि नहीं। सभी व्यवस्थाएं ठीक हैं। ग्रुप में भ्रमण व निरीक्षण की फोटो डाली जाएं, ताकि मरीजों को इसका लाभ मिल सके।  

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