रामघाट को केंद्र मान 10 किमी परिधि में चित्रकूट होगा फ्री जोन, यूपी एमपी के धार्मिक स्थलों पर बेरोकटोक आ-जा सकेंगे श्रद्धालु
गवान श्री राम की तपोभूमि चित्रकूट में धार्मिक भ्रमण अथवा पर्यटन के लिहाज से आने वालों को जल्द ही और सुविधा मिलेंगी। चित्रकूट में जल्द ही उत्तर प्रदेश और मध्यप्रदेश की सीमाओं की बंदिशें जल्द खत्म हो जाएंगी। श्रद्धालु टैक्स चुकाए बगैर हर धार्मिक स्थल में बेरोकटोक आ जा सकेंगे।
चित्रकूट, जेएनएन। दुनिया के करोड़ों श्रद्धालुओं की आस्था के केंद्र चित्रकूट में पर्यटन व धार्मिक स्थल भ्रमण में उत्तर प्रदेश और मध्यप्रदेश की सीमाओं की बंदिशें जल्द खत्म होंगी। श्रद्धालु अतिरिक्त टैक्स चुकाए बिना ही बेरोकटोक आ-जा सकेंगे। रामघाट को केंद्र बिंदु मानकर 10 किमी परिधि के क्षेत्र को फ्री जोन का प्रस्ताव बनाया गया है। दोनों प्रदेश की सरकारों से मंजूरी पर इसे अमल में लाया जाएगा।
प्रभु श्रीराम ने चित्रकूट की तपोभूमि में वनवास काल के साढ़े 11 साल बिताए थे। उनकी स्मृतियों से जुड़े कुछ स्थल यूपी व तो कुछ एमपी में हैं। तपोभूमि सबसे नजदीक यूपी के चित्रकूट जिला मुख्यालय से हैं। चित्रकूटधाम कर्वी स्टेशन से आकर अधिकांश श्रद्धालु धार्मिक स्थलों में जाते हैं लेकिन अपने वाहनों से आने वाले श्रद्धालुओं को सीमा पर रोककर उनसे पार्किंग व अन्य टैक्स वसूले जाते हैं।
सीएम योगी व शिवराज कर चुके थे फ्री जोन की घोषणा
संतों की मांग पर उप्र के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 23 अक्टूबर 2017 को चित्रकूट को फ्री जोन करने की घोषणा की थी। वहीं, मप्र के सीएम शिवराज सिंह चौहान ने वर्ष 2018 में तपोभूमि को फ्री जोन घोषित कर नगर पंचायत के सभी बैरियर खत्म करा दिए थे पर उसका असर नहीं दिख रहा था।
अब ठोस कदम की तैयारी
कलेक्ट्रेट में सांसद आरके सिंह पटेल ने संसदीय क्षेत्र समिति की बैठक में चित्रकूट में पार्किंग व टेंपो-टैक्सी को टैक्स फ्री करने का प्रस्ताव रखा था। इस पर डीएम शेषमणि पांडेय ने सतना कलेक्टर अजय कटेसरिया से बात की। शुक्रवार शाम दोनों जिलों के अधिकारियों ने बैठकर फ्री जोन का प्रस्ताव तैयार किया।
ये स्थल किए गए शामिल
रामघाट से 10 किमी की परिधि में यूपी के रामघाट, कामतानाथ तृतीय मुखारबिंदु, लक्ष्मण पहाड़ी, रामशैय्या, मडफा किला, भरतकूप, लैना बाबा, सूर्यकुंड आश्रम, पंपासुर, कोटितीर्थ, देवांगना आश्रम, गणेश बाग और एमपी के कामतानाथ प्रमुख द्वार, भरतघाट, हनुमानधारा, सीता रसोई, जानकीकुंड, स्फटिक शिला, सती अनुसुइया आश्रम, गुप्त गोदावरी आदि धार्मिक व पर्यटन स्थल को शामिल किया गया है।
फ्री जोन से यह होंगे फायदे
फ्री जोन होने से पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। क्षेत्र का त्वरित आर्थिक विकास होगा। अंतर्राज्यीय परिवहन को बढ़ावा मिलेगा। दोनों प्रदेश सरकारों से करार होने से लोगों को टैक्स से छुटकारा मिलेगा।
इन्होंने तैयार किया प्रस्ताव
यूपी से चित्रकूट जिले के एसडीएम कर्वी रामप्रकाश, एआरटीओ सुरेश कुमार यादव, कानूनगो गोकलेश ओझा, महेंद्र सिंह, गुलजारसिंह, भाजपा जिला उपाध्यक्ष पंकज अग्रवाल व सुशील द्विवेदी, मध्यप्रदेश के सतना जिला के मझगंवा एसडीएम पीएस त्रिपाठी, आरटीओ संजय श्रीवास्तव, नगर पंचायत के अधिकारी प्रभात सिंह, राजऋषि तिवारी व आरबीएस गौर रहे।
वर्ष 1993 में एमपी से हुआ था नोटिफिकेशन
वर्ष-1993 में चित्रकूट को फ्री जोन के लिए तत्कालीन एमपी के कैबिनेट मंत्री भगवान सिंह यादव ने पहल की थी। तत्कालीन मुख्यमंत्री दिग्विजय ङ्क्षसह व राज्यपाल कुंवर महमूद अली खान से धर्मनगरी को कर मुक्त घोषित कराया था। उत्तर प्रदेश के तत्कालीन राज्यपाल मोतीलाल बोरा को भी पत्र लिखा था लेकिन प्रयास से पहले वह पद से हट गए थे जबकि एमपी परिवहन विभाग ने अधिसूचना जारी कर उत्तर प्रदेश सरकार को पारंपरिक परिवहन करार का पत्र लिखा था। 29 अप्रैल 93 को चित्रकूट को फ्री जोन की घोषणा कर दी थी और 30 अप्रैल की मध्य रात्रि से अपने अंतर्राज्यीय चेक पोस्ट खत्म कर दिए थे।
शासन को भेजा गया है प्रस्ताव
चित्रकूट के जिलाधिकारी शेषमणि पांडेय ने कहा कि श्रद्धालुओं व स्थानीय लोगों की दिक्कतों को देखते हुए सतना जिले के अधिकारियों के साथ प्रस्ताव तैयार कर शासन को भेजा हैं। आपसी समझौता अमल में लाया जाएगा।