Coronavirus Kanpur News: कोरोना ने किया अनाथ, गोद लेने के लिए अपनों ने बढ़ाए हाथ
कोरोना संक्रमण से माता-पिता की मौत के बाद अनाथ हुए बच्चों को गोद लेने के लिए चाइल्ड लाइन में फोन आ रहे हैं। गोद लेने वाले स्वजन का कहना है कि स्कूल की फीस माफ करवा दीजिए तो बेटियाें को साथ रख लेंगे।
कानपुर, जेएनएन। कोविड संक्रमण के दौरान ऐसे कई परिवार हैं जहां माता-पिता की मौत के बाद बच्चे बेसहारा हो गए हैं। सुप्रीम कोर्ट के संज्ञान लेने के बाद महिला एवं बाल कल्याण विभाग ने ऐसे बच्चों के पुनर्वासन के लिए चाइल्ड लाइन के हेल्पलाइन नंबर 1098 पर लोगों से सूचना देने की अपील की थी। इसके बाद अब हेल्पलाइन नंबर पर फोन आने लगे हैं।
चाइल्ड लाइन के निदेशक कमलकांत तिवारी ने बताया कि अभी चार से पांच फोन आए हैं जिसमें लोगों ने बच्चों को गोद लेने की इच्छा जताई है। इन बच्चों को पहले बाल कल्याण समिति के सामने पेश किया जाएगा। इसके बाद गोद देने की प्रक्रिया की जाएगी।
Case-1: गोविंद नगर निवासी प्रेम कुमार पांडेय के मकान में रहने वाले दंपती की कोविड से मौत हो गई। सात और ग्यारह साल की दो बेटियों को रखने के लिए चाचा तैयार तो हैं लेकिन वह चाहते हैं कि उनकी फीस माफ करवा दी जाए।
Case-2: यशोदा नगर में आठ साल की बच्ची के माता-पिता दोनों की कोविड से मौत हो गई। मौसा ने बच्ची को रखने की इच्छा जतायी है हालांकि कानूनी तौर पर बच्ची को रखने के लिए उन्हें आवेदन करना होगा।
रक्त संबंधी को नहीं होगी समस्या
ऐसे बेसहारा बच्चे जिनके चाचा, ताऊ, दादा-दादी हैं उन्हें किसी तरह की गोद प्रक्रिया से नहीं गुजरना होगा। बच्चों को बाल कल्याण समिति के सामने पेश करने के बाद वैधानिक रूप से बच्चों की जिम्मेदारी ले सकेंगे। इसके अतिरिक्त अन्य रिश्तेदारों को बच्चे गोद लेने के लिए ऑनलाइन आवेदन करना होगा और पूरी प्रक्रिया से गुजरना होगा।