मदरसों में नहीं आ रहे बच्चे, शिक्षक समय काटकर जा रहे वापस
लॉकडाउन के बाद स्कूलों के साथ मदरसा शिक्षा परिषद के मदरसों में मुंशी मौलवी आलिम व फाजिल की कक्षाएं भी शुरू की गईं लेकिन छात्रों का आना शुरू नहीं हुआ। कानपुर में मदरसा शिक्षा परिषद से मान्यता प्राप्त 55 मदरसें हैं जिनमें 24 मदरसें अनुदानित है।
कानपुर, जेएनएन। लॉकडाउन के बाद शहर के मदरसे खुल तो गए, लेकिन उसमें पढ़ाई नहीं हो पा रही है। इसका कारण है कि एक तो बच्चों का ज्यादा न आना और दूसरा शिक्षक का कामचलाऊ रवैया। स्थिति यह है कि शिक्षक मदरसा आते हैं और समय काटकर चले जाते हैं।
लॉकडाउन के बाद स्कूलों के साथ मदरसा शिक्षा परिषद के मदरसों में मुंशी, मौलवी, आलिम व फाजिल की कक्षाएं भी शुरू की गईं, लेकिन छात्रों का आना शुरू नहीं हुआ। कानपुर में मदरसा शिक्षा परिषद से मान्यता प्राप्त 55 मदरसें हैं, जिनमें 24 मदरसें अनुदानित है।
चमनगंज स्थित मदरसा दारुल उलूम जिया ए मुस्तफा के शिक्षक मौलाना तहसीन रजा कादरी व मौलाना खैबर आलम नूरी ने बताया कि मदरसे में ज्यादातर दूसरे शहरों के बच्चे पढ़ते है। मदरसों में बच्चों के रूकने की गाइड लाइन नहीं आई है। फिलहाल बच्चे नही आ रहे है। शिक्षक अपनी ड्यूटी पूरी कर रहें हैं।
मैनेजर एसोसिएशन मदारिस ए अरबिया उत्तर प्रदेश के मैनेजर डॉ. रशीद अनवर सिद्दीकी ने बताया कि मदरसों में मुंशी, मौलवी की पढ़ाई की अनुमति दी गई है। कोरोना की गाइड लाइन के मुताबिक सारी व्यवस्थाएं की गई है। बच्चे आना शुरू नहीं हुए हैं।