कानपुर: सहकारी बैंकों में तैनात करने होंगे चीफ रिस्क आफिसर, रिजर्व बैंक के मुख्य महाप्रबंधक ने दिया निर्देश
शहरी सहकारी बैंकों का कारोबार जिस तेजी से बढ़ रहा है रिजर्व बैंक को उसके जोखिम की भी चिंता सता रही है। इसे देखते हुए रिजर्व बैंक ने शहरी सहकारी बैंकों को चीफ रिस्क आफिसर की नियुक्ति का आदेश दिया है।
कानपुर, जेएनएन। शहरी सहकारी बैंकों में कारोबारी दायरे बढ़ने से खतरे भी बढ़ रहे हैं। इसे देखते हुए रिजर्व बैंक ने 5,000 करोड़ रुपये या उससे अधिक की संपत्ति वाले सहकारी बैंकों में चीफ रिस्क आफिसर (सीआरओ) अनिवार्य रूप से तैनात करने के निर्देश दिए हैं। सहकारी बैंक अपने कारोबार के हिसाब से इनका चयन करेंगे। ये किसी भी तरह की आर्थिक जोखिम की रिपोर्ट तैयार करेंगे।
शहरी सहकारी बैंकों का कारोबार जिस तेजी से बढ़ रहा है, रिजर्व बैंक को उसके जोखिम की भी चिंता सता रही है। इसे देखते हुए रिजर्व बैंक ने शहरी सहकारी बैंकों को चीफ रिस्क आफिसर की नियुक्ति का आदेश दिया है। रिजर्व बैंक के मुख्य महाप्रबंधक मनोरंजन मिश्रा ने सभी शहरी सरकारी बैंकों के मुख्य कार्यकारी अधिकारियों को इस नियुक्ति को अनिवार्य रूप से करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि सीआरओ रिस्क मैनेजमेंट विशेषज्ञ होना चाहिए। अगर सीआरओ को समय से पहले हटाया या स्थानांतरित किया गया तो उसकी जानकारी रिजर्व बैंक को दी जाएगी। सीआरओ को कोई व्यावसायिक लक्ष्य नहीं दिया जाएगा। शहरी सहकारी बैंकों को 31 मार्च 2022 तक बोर्ड की एक जोखिम प्रबंधन समिति बनाने की सलाह दी गई है। बोर्ड जोखिम प्रबंधन समिति की सदस्यता, कार्य का दायरा और बैठक कितने दिनों में होगी इसका निर्णय लेगा। 31 मार्च 2021 तक जो शहरी सहकारी बैंक 5,000 करोड़ का मानक पूरा करते हैं। उन्हें 31 मार्च 2022 तक सीआरओ की नियुक्त करनी है। वहीं जो बैंक इस वित्तीय वर्ष के अंत तक मानदंड में आएंगे, उन्हें उसके छह माह में सीआरओ नियुक्त करना होगा।