छत्तीसगढ़ के Community Biogas Model को अब UP में भी अपनाया जाएगा, जानिए खासियत

डीपीआरओ कमल किशोर स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण के स्टेट कंसलटेंट संजय सिंह चौहान और माहिम जिला कंसलटेंट विक्रम शर्मा ने छत्तीसगढ़ के सरगुजा और सूरजपुर गांव का दौरा किया। इन गांवों में 10 25 और 50 क्यूबिक मीटर बायोगैस उत्पादन क्षमता के प्लांटों को देखा।

By Akash DwivediEdited By: Publish:Fri, 18 Jun 2021 09:35 AM (IST) Updated:Fri, 18 Jun 2021 09:35 AM (IST)
छत्तीसगढ़ के Community Biogas Model को अब UP में भी अपनाया जाएगा, जानिए खासियत
चार सदस्यीय दल छत्तीसगढ़ भेजा गया था अब वह अपनी रिपोर्ट शासन को देंगे

कानपुर, जेएनएन। छत्तीसगढ़ के कम्युनिटी बायोगैस के माडल को अब उप्र में भी अपनाया जाएगा। इस माडल के तहत ग्राम पंचायतें लोगों से गोबर खरीदेंगी और उससे बायोगैस का उत्पादन कर घरों में गैस की आपूॢत करेंगी। इसके बदले में लोगों से शुल्क लिया जाएगा। गैस उत्पादन के बाद जो गोबर निकलेगा उससे जैविक खाद बनाकर बेची जाएगी। इस माडल को देखने के लिए डीपीआरओ कमल किशोर के नेतृत्व में चार सदस्यीय दल छत्तीसगढ़ भेजा गया था। अब वह अपनी रिपोर्ट शासन को देंगे।

छत्तीसगढ़ में ग्राम पंचायतें ग्रामीणों से दो रुपये किलो गोबर खरीदती हैं। उससे गैस बनाती हैं और फिर उसी गोबर की खाद बनाकर बेचती है। इससे पंचायतें आर्थिक रूप से समृद्ध भी हो रही हैं और जैविक खेती को भी बढ़ावा मिल रहा है। उप्र की बात करें तो यहां गांवों मे घरों के बाहर या सड़क किनारे बड़े पैमाने पर ग्रामीण गोबर व कूड़ा एकत्र करते हैं। गोबर के सडऩे से संक्रामक बीमारियों के फैलने का खतरा भी रहता है। इसीलिए सरकार कम्युनिटी बायोगैस प्लांट बना इस समस्या का समाधान करना चाहती है। डीपीआरओ कमल किशोर, स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण के स्टेट कंसलटेंट संजय सिंह चौहान और माहिम, जिला कंसलटेंट विक्रम शर्मा ने छत्तीसगढ़ के सरगुजा और सूरजपुर गांव का दौरा किया। इन गांवों में 10, 25 और 50 क्यूबिक मीटर बायोगैस उत्पादन क्षमता के प्लांटों को देखा। 10 क्यूबिक मीटर का प्लांट 10 लाख में तैयार हो जाएगा। डीपीआरओ का कहना है कि उनकी टीम ने अंबिकापुर में ठोस कचरे के निस्तारण के प्लांट भी देखे। ठोस कचरा निस्तारण, कम्युनिटी बायोगैस प्लांट के माडल को अपनाने के लिए शासन को रिपोर्ट भेजेंगे। 

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