बेरोजगारों को नौकरी का लालच देकर ठगने वाले गैंग का खेल अब इस तरह खुलेगा
दो जून को फर्जी टिकट निरीक्षकों की ट्रेनिंग का खुलासा हुआ था। एक के बाद एक जीआरपी ने इस मामले में 16 लोगों को पकड़ा। जिसमें तीन एजेंट और 13 ठगी के शिकार युवक थे। जीआरपी पहले सभी को आरोपित बनाकर जेल भेजने की तैयारी कर रही थी
कानपुर, जेएनएन। बेरोजगार युवकों को नौकरी का लालच देकर सेंट्रल स्टेशन पर फर्जी ट्रेनिंग कराने वाले गैंग का सरगना गुरुवार को कोर्ट में सरेंडर कर जेल चला गया था। उसके जेल जाने के बाद अब जीआरपी उसे कस्टडी रिमांड पर लेने की तैयारी कर रही है। रिमांड पर लेने के बाद ही गैंग के काम करने का तरीका, कनेक्शन और कितने युवक ठगे गए आदि सवालों के जवाब मिलेंगे।
सेंट्रल स्टेशन पर दो जून को फर्जी टिकट निरीक्षकों की ट्रेनिंग का खुलासा हुआ था। एक के बाद एक जीआरपी ने इस मामले में 16 लोगों को पकड़ा। जिसमें तीन एजेंट और 13 ठगी के शिकार युवक थे। जीआरपी पहले सभी को आरोपित बनाकर जेल भेजने की तैयारी कर रही थी लेकिन बाद में आलाधिकारियों से मिले निर्देश के बाद जीआरपी ने ठगी के शिकार 13 लोगों को छोडऩे का फैसला किया था। इसके बाद जीआरपी ने चार टीमें बनाकर गैंग के सरगना रुद्र प्रताप ठाकुर के इटावा, लखनऊ के ठिकानों पर छापेमारी की। लगातार बढ़ते दबाव के चलते रुद्र ने गुरुवार को कोर्ट में सरेंडर कर दिया, जिसके बाद जीआरपी अब उसे कस्टडी रिमांड में लेकर पूछताछ करने की तैयारी कर रही है ताकि गैंग के काम करने का तरीका, उसके संपर्क और कितने युवकों के साथ ठगी अंजाम दी गई जैसे सवालों का जवाब मिल सके। इसके साथ ही रेलवे स्टेशन में ट्रेनिंग कराने के पीछे किसी अन्य कर्मचारी का कोई हाथ तो नहीं है, जीआरपी इस बिंदु पर भी पूछताछ करेगी।