आक्सीजन सिलिंडर व दवाओं के अभाव में दम तोड़ रहा सीएचसी, अस्पताल का प्रबंधन भी भगवान भरोसे
30 बेड की सीएचसी भी है यहां पर कानपुर देहात जनपद के साथ साथ महेबा व कदौरा ब्लाक के कई गांवों के लोग इलाज के लिए आते हैं। इतना संवेदनशील व उपयुक्त होने के बावजूद सीएचसी को एल- का दर्जा नहीं दिया गया है।
कानपुर, जेएनएन। कोरोना की संभावित तीसरी लहर से निपटने के लिए नगर के सामुदायिक स्वास्थ केंद्र में इंतजाम नाकाफी हैं। यहां आक्सीजन के लिए मात्र 6 सिलिंडर हैं जिनके सहारे नगर व आसपास के ग्रामीण क्षेत्र के मरीज रहते हैं। सीएचसी को एल-1 का दर्जा भी नहीं दिया गया है और न ही कोरोना की दवाओं व इंजेक्शन की उपलब्धता है। अस्पताल का प्रबंधन भी भगवान भरोसे है।
नगर की जलसंख्या लगभग 70 हजार के आसपास है। 30 बेड की सीएचसी भी है यहां पर कानपुर देहात जनपद के साथ साथ महेबा व कदौरा ब्लाक के कई गांवों के लोग इलाज के लिए आते हैं। इतना संवेदनशील व उपयुक्त होने के बावजूद सीएचसी को एल- का दर्जा नहीं दिया गया है। यहां के वार्डों में आक्सीजन की सप्लाई के लिए सिर्फ 6 सिलिंडर व विधायक नरेंद्र ङ्क्षसह जादौन द्वारा दिए गए दो कंसनट्रेटर हैं। वेंटीलेटर की व्यवस्था यहां पर नहीं है। अस्पताल में कोरोना की संभावित लहर से निपटने के लिए फिलहाल इंतजाम दिखाई नहीं दे रहे हैं।
चिकित्सकों की कमी तो है ही साथ कोरोना की दवाओं व इंजेक्शन आदि की भी कमी रहती है। केवल तीन चिकित्सकों के भरोसे ही कोरोना से निपटने का दम भरा जा रहा है। आक्सीजन के तीन सिलिंडर खाली हैं और दो कंसनट्रेटर अभी सील पैक रखे हैं जिनका ट्रायल भी नहीं किया गया है। सामुदायिक स्वास्थ केंद्र का प्रबंधन भी ठीक नहीं है। यहां पर कर्मी मनमाने समय पर आते जाते हैं। अक्सर चिकित्सकों के कक्ष में चिकित्सक नहीं मिलते जिससे मरीजों को परेशानी होती है। कोरोना के संभावित खतरे को लेकर की गई तैयारियों के विषय में चिकित्साधीक्षक से बात करनी चाही तो पहले उनका फोन स्विच आफ आ रहा था।
इनका ये है कहना
कोरोना की संभावित तीसरे लहर को लोकर सीएचसी में क्या तैयारी हैं इसकी जानकारी की जाएगी। समस्याओं को जल्द ही दूर कराया जाएगा।
कौशल किशोर, एसडीएम