पनऊपुरवा हत्याकांड: निष्पक्ष जांच को एसपी आउटर से मिले जिला पंचायत सदस्य, नामजद ग्राम प्रधान को बताया निर्दोष
शुक्रवार को क्षेत्र के जिला पंचायत सदस्य अश्वनी दीक्षितराजा दिवाकर कार्तिकेय शुक्ला प्रवीन त्रिपाठी व राजू दिवाकर एसपी आउटर से मिले। जिला पंचायत सदस्यों ने कहा कि पंचायत चुनाव की रंजिश में ग्राम प्रधान को निर्दोष फंसा दिया गया हैं।
कानपुर, जागरण संवाददाता। पनऊपुरवा कांड में बुजुर्ग आनंद कुरील की हत्या के मामले में पंचायत चुनाव की रंजिश में ग्राम प्रधान को आरोपित बनाए जाने की बात कहते हुए शुक्रवार को पांच जिला पंचायत सदस्यों ने एसपी आउटर से मिल कर मामले की निष्पक्ष जांच कराने की मांग की। एसपी आउटर ने पूरे प्रकरण की निष्पक्ष जांच कराने का आश्वासन दिया है।
पनऊपुरवा गांव में पंचायत चुनाव को लेकर चलते पनपी रंजिश में गांव निवासी श्री कृष्ण त्रिवेदी व घर के सामने रहने वाले बुजुर्ग आनंद कुरील के परिवारों में तनाव चल रहा था। 25 अक्टूबर की रात श्री कृष्ण त्रिवेदी व आनंद कुरील के परिवार के बीच हुए झगड़े में गंभीर घायल हुए आनंद कुरील की मौत हो गई थी। आनंद के परिवार वालों ने पुलिस की संलिप्तता में श्री किशन त्रिवेदी व उसके परिवारी जनों पर पीट-पीटकर हत्या करने के आरोप लगाए थे। मामले में विधायक भगवती प्रसाद सागर द्वारा हंगामा करने पर एसपी आउटर ने दारोगा गोपी किशन व रोशन शेर बहादुर सहित चार पुलिस कर्मियों को निलंबित कर दिया था। वही हत्या के मामले में दोनो निलंबित दारोगा समेत ग्राम प्रधान व उसके पिता रामकुमार नामजद किए गए। प्रकरण में एसपी आउटर अष्टभुजा प्रसाद को कुर्सी गंवानी पड़ी थी।
इधर हत्याकांड में ग्रामीणों के साथ क्षेत्रीय जनप्रतिनिधि ग्राम प्रधान को निर्दोष बताते हुए बचाव में उतरे है। बीते दिनो जांच करने पहुंचे एससी एसटी आयोग के सदस्यों के समक्ष भी ग्रामीणो ने ग्राम प्रधान को निर्दोष बताते हुए हलफनामे सौंपे थे। शुक्रवार को क्षेत्र के जिला पंचायत सदस्य अश्वनी दीक्षित,राजा दिवाकर, कार्तिकेय शुक्ला, प्रवीन त्रिपाठी व राजू दिवाकर एसपी आउटर से मिले। जिला पंचायत सदस्यों ने कहा कि पंचायत चुनाव की रंजिश में ग्राम प्रधान को निर्दोष फंसा दिया गया हैं। जबकि उसका घटना से कोई मतलब ही नही था। एसपी आउटर अजीत सिन्हा ने कहा कि मामले की निष्पक्ष विवेचना कराई जा रही है। किसी भी निर्दोष को जेल नही भेजा जाएगा।