कर अपवंचना में चिह्नित है आरोपित ट्रांसपोर्टर
जेएनएन कानपुर वाणिज्य कर विभाग के सहायक आयुक्त प्रदीप सिंह से मारपीट करने वाले की तलाश।
जेएनएन, कानपुर : वाणिज्य कर विभाग के सहायक आयुक्त प्रदीप सिंह से मारपीट करने वाले ट्रांसपोर्टर की फर्म शासन स्तर पर चिह्नित फर्म की सूची में शामिल है। विभाग ऐसे ट्रांसपोर्ट की अलग से सूची बनाता है जो ज्यादा कर अपवंचना करती हैं या कर अपवंचना करने में मदद करती हैं। अधिकारी के साथ मारपीट मामले में विभाग ट्रांसपोर्टर के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की तैयारी में है। अधिकारियों को उसकी सभी डिटेल तलाशने के लिए लगा दिया गया है।
सहायक आयुक्त के साथ हुई घटना के बाद विभाग के उच्च अधिकारी नाराज हैं। शनिवार को जब अधिकारियों ने महालक्ष्मी ट्रांसपोर्ट के बारे में जानकारी जुटाई तो पाया कि वह प्रदेश की चिह्नित ट्रांसपोर्टरों की सूची में है। पिछले एक वर्ष में दोनों जोन 11 बार उसे पकड़ चुके हैं। इसमें जोन एक में अब तक उसके छह वाहन पकड़े गए हैं। इसमें 48.53 लाख का माल पकड़ा गया। जुर्माने के रूप में 7.15 लाख रुपये जमा कराए गए। जोन दो में पांच ट्रक पकड़े गए हैं। इसमें 60.35 लाख का माल पकड़ा गया और 13.14 लाख रुपये जुर्माना किया गया।
हमला करने वाले ट्रांसपोर्टर की तलाश में दबिश, कल्याणपुर : पनकी के भौंती हाईवे पर वाणिज्य कर विभाग के सहायक आयुक्त व उनकी टीम पर हमला करने वाले ट्रांसपोर्टर व उसके साथियों की तलाश में पनकी पुलिस ने दबिश दी। हालांकि आरोपित नहीं मिले। वाणिज्य कर विभाग के सहायक आयुक्त प्रदीप सिंह ने हेड कांस्टेबल कामता प्रसाद मिश्रा व चालक एसएस रिजवी के साथ भौंती हाईवे पर चेकिग के दौरान कॉपर लदे ट्रक को पकड़ा था। इसके विरोध में ट्रांसपोर्ट मालिक विष्णु तिवारी ने भाई नीरज व अपने साथियों प्रदीप शर्मा, शुभम, अनिकेत समेत दर्जन भर लोगों के साथ मौके पर पहुंचकर ट्रक छुड़वाने की कोशिश की। विरोध पर आरोपितों ने सहायक आयुक्त व उनके स्टॉफ पर हमला कर दिया था। सहायक आयुक्त की तहरीर पर पनकी पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज कर आरोपितों की तलाश में कई स्थानों पर दबिश दी, लेकिन कोई नहीं मिला। थाना प्रभारी अतुल कुमार सिंह ने बताया कि घटनास्थल पर गिरफ्तार किए गए प्रदीप शर्मा को कोर्ट में पेश करके जेल भेज दिया गया है। बाकी आरोपितों को भी जल्द गिरफ्तार कर लिया जाएगा। करोड़ों की ठगी मामले में क्राइम ब्रांच ने शुरू की जांच, कानपुर : एक कंपनी में निवेश करने पर रकम दोगुना होने का झांसा देकर करोड़ों रुपये की ठगी के मामले में क्राइम ब्रांच ने जांच शुरू कर दी है। पीड़ितों से संपर्क करने के साथ ही कंपनी के दस्तावेज जुटाए जा रहे हैं। महाराजपुर निवासी कमल दुबे ने वर्ष 2019 में कर्नलगंज थाने में डीपियर्स एलाइड कंपनी लिमिटेड चुन्नीगंज के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था। उनका आरोप था कि निवेश करने पर दोगुनी रकम होने का झांसा देकर 2014 में बड़ी संख्या में लोगों से निवेश कराया गया था। वर्ष 2019 में जब भुगतान का नंबर आया तो कर्मचारी कंपनी का दफ्तर बंद करके भाग गए। छानबीन में कंपनी मालिक दुर्गा प्रसाद दुबे, एमडी संदीप मिश्र, रोहित कुमार उपाध्याय, अमित मिश्र, विशंभर नाथ दुबे और एजीएम इंदु दुबे के नाम प्रकाश में आए थे। बाद में मामले की जांच क्राइम ब्रांच को सौंप दी गई थी। क्राइम ब्रांच इंस्पेक्टर रामबाबू ने बताया कि कंपनी लखनऊ की है। वहां के रजिस्ट्रार ऑफ कंपनी से दस्तावेज मांगे गए हैं। निवेश करने वाले लोगों से भी संपर्क करके निवेश की गई रकम समेत अन्य बिदुओं पर जानकारी जुटाई जा रही है। अधिवक्ता परिषद के कार्यकर्ता न्याय व्यवस्था को करें बेहतर, कानपुर : अधिवक्ता परिषद के कार्यकर्ताओं को देश की न्याय व्यवस्था को उपनिवेशवाद की सोच से बाहर निकालना होगा। यह बात शनिवार को अखिल भारतीय अधिवक्ता परिषद द्वारा आयोजित वेबिनार में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के सह सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबोले ने कही। इस वेबिनार में कानपुर से भी अधिवक्ता शामिल हुए। उन्होंने कहा कि अधिवक्ता परिषद के जरिए देश में बड़ा विधिक सुधार व न्यायिक विकास होने जा रहा है। अधिवक्ताओं के जरिए सेवा प्रकल्प, न्याय केंद्रों को विकसित करके संचालित किया जा सकता है। उद्घाटन सत्र का संचालन राष्ट्रीय मंत्री सुमन चौहान ने किया। वेबिनार में राष्ट्रीय अध्यक्ष विनायक दीक्षित, राष्ट्रीय महामंत्री भरत कुमार, संगठन मंत्री जयदीप राय, मंत्री सत्य प्रकाश राय, चरण सिंह त्यागी, अश्वनी कुमार त्रिपाठी, विपिन कुमार त्यागी, रमेश कुमार, पद्मा कांत रहे।