CBSE Board का अहम फैसला, अब स्कूलों में पढ़ाई का स्तर जानने के लिए अपनाई जाएगी यह प्रक्रिया

CBSE Board News सीबीएसई बोर्ङ अपने पढाई का स्तर जानने के लिए जिले के 25 हजार से अधिक छात्र-छात्राओं का सर्वे करेगा। सर्वे में चार कक्षाएं तीसरी पांचवीं आठवीं व 10वीं कक्षा के छात्रों को शामिल किया जा रहा है।

By Shaswat GuptaEdited By: Publish:Sun, 10 Oct 2021 03:44 PM (IST) Updated:Sun, 10 Oct 2021 03:44 PM (IST)
CBSE Board का अहम फैसला, अब स्कूलों में पढ़ाई का स्तर जानने के लिए अपनाई जाएगी यह प्रक्रिया
सीबीएसई बोर्ड की खबर से संबंधित प्रतीकात्मक फोटो।

कानपुर, जेएनएन। सीबीएसई बोर्ड से पढा़ई करने वाले तीसरी, पांचवीं, आठवीं व 10वीं कक्षा के छात्रों का पढ़ाई संबंधी स्तर जानने के लिए बोर्ड अब सर्वे का सहारा लेने जा रहा है। शिक्षा मंत्रालय की ओर से की जा रही इस कवायद में जिले के 25 हजार से अधिक छात्र-छात्राओं का सर्वे किया जाएगा।

12 नवंबर को देश भर के स्कूलों के लगभग 30 लाख छात्र-छात्राओं पर यह सर्वे किया जाएगा। आगामी सर्वे को नेशनल असेसमेंट सर्वे (नैस) नाम दिया गया है। 

शिक्षा मंत्रालय की ओर से भेजे गए दिशा निर्देश: आगामी सर्वे को लेकर शिक्षा मंत्रालय की ओर से सभी जिला समन्वयकों को जरूरी दिशा-निर्देश भेज दिए गए हैं। हर स्कूल में एक शिक्षक को सर्वे का जिम्मा सौंपा जाएगा, जो कि उक्त कक्षाओं के छात्र-छात्राओं की परीक्षा कराएगा। इसके बाद पूरी रिपोर्ट सीबीएसई को भेजी जाएगी।

नई शिक्षा नीति के तहत तैयार होना है अगले वर्ष का पाठ्यक्रम: सीबीएसई के सिटी कोआर्डिनेटर बलविंदर सिंह ने बताया कि अगले वर्ष नई शिक्षा नीति के तहत तीसरी, पांचवीं, आठवीं व 10वीं का पाठ्यक्रम तैयार होना है। इसलिए बोर्ड की ओर से यह सर्वे कराया जा रहा है। सर्वे से  जानकारी मिल जाएगी कि यह छात्रों का पढा़ई का स्तर कैसा है?  उनकी रीडिंग स्किल कैसी है? मैथमैटिकल स्किल को लेकर वह किस स्तर पर हैं? बोर्ड की ओर से पहली बार यह कवायद होने जा रही है। इसको लेकर सारी तैयारियां कर ली गई हैं। जिले के 25 हजार से अधिक छात्र-छात्राएं शामिल होंगे। बोर्ड के विशेषज्ञों का मानना है, कि जब सर्वे होगा तो निश्चित तौर पर कुछ न कुछ परिणाम जरूर मिलेंगे। जिनके आधार पर अगले वर्ष का पाठ्यक्रम जब तैयार किया जाएगा तो उससे छात्रों को आने वाले समय में राहत मिलेगी। 12 नवंबर को पूरे देश भर में कवायद होगी। जिसमें लगभग 30 लाख छात्र-छात्राओं का सर्वे किया जाएगा।

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