अधिवक्ता की मौत के मामले में मुकदमा

जेएनएन कानपुर पांडु नगर में जहरीला पदार्थ पीकर जान देने वाले अधिवक्ता गौरव तिवारी के मौत के मामले में मुकदमा दर्ज कराया है।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 08 Jun 2021 01:54 AM (IST) Updated:Tue, 08 Jun 2021 01:54 AM (IST)
अधिवक्ता की मौत के मामले में मुकदमा
अधिवक्ता की मौत के मामले में मुकदमा

जेएनएन , कानपुर : पांडु नगर में जहरीला पदार्थ पीकर जान देने वाले अधिवक्ता गौरव तिवारी के पिता अरुण कुमार ने पुत्रवधू व उसके मायके के छह व्यक्तियों के खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने की धारा में मुकदमा दर्ज कराया है। आरोप है कि 25 मई को गौरव की पत्नी दर्शनपुरवा फजलगंज निवासी हिमांशी ने गौरव से झगड़ा किया और आत्महत्या की धमकी देकर गंगा बैराज पहुंच गई। पुलिस ने उसे समझाकर मायके भेजा। 26 मई को उसने गौरव को मायके बुलाया, जहां गौरव के साथ गालीगलौज, मारपीट की गई। घर आने के बाद गौरव परेशान था। रो रहा था और बिना खाना खाए कमरे में चला गया। 27 मई की सुबह उसने जहर पी लिया। पूछने पर बताया कि हिमांशी ने अपमानित किया और कीटनाशक की शीशी देकर कहा है कि मर जा। इसलिए कीटनाशक पी लिया है। तुरंत उसे अस्पताल ले गए। जहां अगले दिन गौरव की मौत हो गई। पत्नी से झगड़े के बाद की आत्महत्या, कानपुर : नौबस्ता में पत्नी से झगड़े के बाद शटरिग ठेकेदार ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। घटना की सूचना पर पहुंची ठेकेदार के स्वजन ने पत्नी पर हत्या का आरोप लगाया। मौके पर पहुंची पुलिस ने जांच पड़ताल की। मूलरूप से घाटमपुर के पतारा निवासी 40 वर्षीय सुनील गौतम शटरिग ठेकेदार हैं। वह नौबस्ता के हंसपुरम में पत्नी सुलेखा और दो बच्चों के साथ रहते थे। बड़े भाई अजीत ने बताया कि रविवार देर रात सुनील का किसी बात को लेकर अपनी पत्नी से विवाद हो गया था। जिसके बाद सोमवार सुबह नौबस्ता बंबा के पास स्थित रुद्राक्ष गेस्ट हाउस सामने स्थित पेड़ में अंगौछे के सहारे उसका शव लटकता हुआ मिला। सूचना पर पहुंचने के बाद उन्होंने बहू पर भाई की हत्या का आरोप लगाया। थाना प्रभारी सतीश सिंह ने बताया कि युवक ने पत्नी से झगड़े के बाद आत्महत्या की है। स्वजन ने युवक की पत्नी पर हत्या का आरोप लगाया था, लेकिन पोस्टमार्टम रिपोर्ट में आत्महत्या की पुष्टि हुई है। नगर निगम मोतीझील के पीछे बने 16 अवैध कब्जे हटा दिए, कानपुर: नगर निगम के दस्ते ने मुख्यालय के पीछे 16 अवैध कब्जे हटा दिए। इस दौरान कुछ लोगों ने कोर्ट का आदेश बताकर विरोध करने का प्रयास किया लेकिन कागज नहीं दिखा पाए। इसके अलावा पुलिस चौकी की बिजली काट दी गयी है।दो दिन में चौकी खाली करने को कहा है। यहां पर नगर निगम सभागार का निर्माण करा रहा है। नगर निगम ने मुख्यालय के पीछे पचास साल पहले कैंटीन के लिए परमिट के आधार पर जगह दी थी। वर्ष 1995 से परमिट निरस्त है। कई बार जगह खाली करने का नोटिस दिया गया। इस दौरान मूल अवंटियों ने दूसरों को जगह दे दी। नगर निगम यहां पर सभागार बना रहा है। इसका निर्माण शुरू हो गया है। इसी के तहत अवैध जगह के साथ ही खाली पड़ी पुलिस चौकी भी खाली करायी जा रही है। इसके तहत अपर नगर आयुक्त अरविद राय की अगुवाई में दस्ते ने सोमवार को सुबह पहुंचकर अवैध कब्जे हटाने शुरू कर दिए। पहले लोगों ने विरोध किया लेकिन भारी फोर्स के चलते विरोध करने वाले हट गए। इसके बाद सभी कब्जे हटा दिए गए।पुलिस चौकी की बिजली भी काट दी गयी।इसमें दो पुलिस वाले कब्जा करके रहते हैं।अपर नगर आयुक्त अरविद राय ने बताया कि सारे कब्जे हटा दिए गए है। पुलिस चौकी भी हटायी जाएगी। इस अवसर पर जोनल प्रभारी जोन चार पूजा त्रिपाठी और प्रवर्तन प्रभारी आलोक नारायण भी मौजूद रहे। बीफ बिरयानी बेचने का पंफलेट बंटवाने पर हंगामा, कानपुर : किदवई नगर में एक नानवेज दुकानदार द्वारा पंफलेट में बीफ बिरयानी लिखकर बंटवाने पर बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने थाने पहुंचकर हंगामा किया। पुलिस ने दुकानदार को बुलाकर जांच की तो पता चला कि उसने बड़े (भैंसा) की बिरयानी को बीफ नाम दिया था। पुलिस ने बजरंग दल कार्यकर्ताओं को समझाकर मामला शांत कराया। जूही सफेद कालोनी स्थित एक नानवेज दुकानदार ने अपने मेन्यू कार्ड में बीफ बिरयानी लिखने के साथ पंपलेट भी बांटे थे। इसकी जानकारी होने पर सोमवार को बजरंग दल कार्यकर्ता दिलीप सिंह, सौरभ, हरिओम, आलोक, राजेश त्रिपाठी किदवई नगर थाने पहुंचे। उन्होंने दुकानदार पर बीफ की बिरयानी बेचने का आरोप लगा हंगामा शुरू कर दिया। पुलिस ने दुकानदार के घर और दुकान की तलाशी ली, जहां पुलिस को बीफ का मीट नहीं मिला। थाना प्रभारी राजीव सिंह ने बताया कि पूछताछ के दौरान दुकानदार ने बताया कि उसने गलती से बड़े की बिरयानी को बीफ नाम दे दिया था। फिलहाल दुकानदार की गलती पर कार्रवाई की जाएगी।

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