अजमेर शरीफ के खादिम के खिलाफ दर्ज हुआ मुकदमा, पुलिस ने शुरू की मामले की जांच
सूफी इस्लामिक बोर्ड के प्रवक्ता सूफी मोहम्मद कौसर सिद्दीकी ने अजमेर की दरगाह शरीफ के खादिम सरवर चिश्ती के खिलाफ थाना जूही में धार्मिक भावनाओं को आहत करने का एक मुकदमा दर्ज कराया है। दरगाह शरीफ के खादिम ने एक वीडियो जारी कर बोर्ड को दलाल बताया था।
कानपुर, जेएनएन। सूदरगाह शरीफ के खादिम सरवर चिश्ती के खिलाफ थाना जूही में धार्मिक भावनाओं को आहत करने का मुकदमा दर्ज हुआ है। उनके खिलाफ यह मुकदमा सूफी इस्लामिक बोर्ड के प्रवक्ता सूफी मोहम्मद कौसर सिद्दीकी की तहरीर पर हुआ है। वादी का आरोप है कि वह पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआइ) को प्रतिबंधित कराने के लिए अभियान चला रहे हैं, जिसको लेकर दरगाह शरीफ के खादिम ने एक वीडियो जारी कर बोर्ड को दलाल बताया था।
परमपुरवा जूही निवासी सूफी मोहम्मद कौसर सिद्दीकी ने बताया कि वह सूफी इस्लामिक बोर्ड के संगठन प्रभारी भी हैं। बोर्ड पूरे भारत में अतिवादी संगठन पीएफआइ को अखिल भारतीय स्तर पर प्रतिबंधित करने के लिए #banpfi अभियान चला रहा है। इसके तहत नवंबर 2020 में लगभग 150 प्रार्थना पत्र राष्ट्रपति को प्रेषित किए गए थे।
23 नवंबर 2020 को उन्होंने पीएफआइ को प्रतिबंधित किए जाने की मांग को लेकर एक पत्रकार वार्ता भी आयोजित की थी। आरोप है कि पत्रकार वार्ता के बाद दरगाह शरीफ के खादिम सरवर चिश्ती, जो पन्नीग्राम, अंदरकोट, अजमेर के रहने वाले हैं, ने वीडियो जारी कर पीएफआइ का विरोध करने वाले सूफी इस्लामिक बोर्ड को दलाल जैसे अपमानजनक शब्द से संबोधित किया। इससे बोर्ड और उससे जुड़े लोगों की धार्मिक भावनाएं आहत हुई हैं। सिद्दीकी ने वीडियो का ङ्क्षलक भी पुलिस को दिया है। बोर्ड ने इससे पहले सरवर चिश्ती को कानूनी नोटिस भेज कर बोर्ड पर लगाए गए आरोपों को सिद्ध करने अथवा माफी मांगने के लिए कहा था, लेकिन उन्होंने ऐसा भी नहीं किया। पुलिस ने धार्मिक भावनाएं आहत करने और आइटी एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू की है।