खाने की थाली में अब मिलेगी राहत, दालों की बढ़ती कीमतें अब होंगी कम

कारोबारियों का कहना है कि आयात बढ़ेगा तो दलहन के भाव भी कम होंगे। इसका असर दाल पर भी होगा और आम आदमी को खाने की थाली में राहत मिलेगी। अरहर की दाल मलेशिया और सूडान से देश में आ रही थी।

By Abhishek AgnihotriEdited By: Publish:Sun, 16 May 2021 08:53 PM (IST) Updated:Sun, 16 May 2021 08:53 PM (IST)
खाने की थाली में अब मिलेगी राहत, दालों की बढ़ती कीमतें अब होंगी कम
दाल की कीमतें कम होने से आम आदमी को होगी राहत।

कानपुर, जेएनएन। अरहर, उड़द और मूंग के आयात पर लगाए गए प्रतिबंधों के हटने से कारोबारी अब इन दालों की कीमतों में कमी आने की उम्मीद जता रहे हैं। थोक बाजार में अरहर और धुली उड़द के भाव 100 रुपये के ऊपर चल रहे हैं। वहीं मूंग की दाल 90 रुपये के ऊपर चल रही है। कारोबारियों के मुताबिक आयात बढ़ेगा तो दलहन के भाव भी कम होंगे। इसका असर दाल पर भी होगा और आम आदमी को इससे राहत मिलेगी।

अरहर, मूंग और उड़द के आयात पर देश में प्रतिबंध लगा हुआ था। म्यांमार से अरहर, उड़द और मूंग तीनों ही दालें काफी मात्रा में आती थीं। इसके अलावा मलेशिया और सूडान से भी अरहर की दाल देश में आती थी। कानपुर की बात करें तो यहां महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और राजस्थान से अरहर आती है। कानपुर की सौ में से 30 से ज्यादा मिलों में सिर्फ अरहर दाल ही बनाई जाती है। विदेशों से जो उड़द दाल आती है, उसे काली उड़द बोला जाता है और उसी से धुली उड़द भी बनती है। हरी उड़द भारत में ही होती है।

धुली उड़द दिल्ली से काफी मात्रा में कानपुर आती है। वहां इसके कई प्लांट लगे हुए हैं। मूंग की बात की जाए तो कानपुर में उत्तर प्रदेश के अलावा राजस्थान, महाराष्ट्र, गुजरात, असम से यह आती है लेकिन सर्वाधिक आवक महाराष्ट्र से ही आती है। जहां तक दलहन की बात की जाए तो अरहर में पिछले एक माह में एक हजार रुपये प्रति क्विंटल बढ़ चुके हैं वहीं उड़द में 800 रुपये। हालांकि मूंग के भाव में 600 रुपये क्विंटल की कमी आई है।

दलहन के भाव प्रति क्विंटल

दलहन गंगा मेला के बाद 15 मई को

काली उड़द 6,600 7,400

अरहर 6,000 7,000

मूंग 7,600 7,000

कारोबारियों ने कही ये बात

दलहन के आयात पर से प्रतिबंध हटने से आम जनता को कुछ राहत जरूर मिलेगी। प्रदेश में कोरोना की वजह से बुंदेलखंड सहित कई गल्ला मंडियां बंद हैं। इसकी वजह से भी कीमतें बढ़ रही हैं। इससे कीमतें कम होंगी। - अजय बाजपेई, उपाध्यक्ष, कानपुर गल्ला आढ़तिया संघ।

दालों की कीमतों में कुछ राहत जरूर मिलेगी लेकिन देश में कोरोना काल और म्यांमार में विद्रोह की स्थिति की वजह से दलहन का कितना आयात हो पाता है, यह भी देखना होगा। इसके आधार पर ही भाव तय होंगे। - ज्ञानेश मिश्रा, अध्यक्ष, उत्तर प्रदेश खाद्य पदार्थ उद्योग व्यापार मंडल

chat bot
आपका साथी