चर्म निर्यात परिषद के चौंकाने वाले आंकड़े, लेदर इंडस्ट्री को 500 करोड़ का झटका

कारोना संक्रमण के समय लॉकडाउन के कारण दो साल से कई देशों से चर्म व्यापार बंद है बीते दो वर्षों में उद्यमियों ने 70 से 80 फीसद तक घाटा उठाया है। बीस फीसद माल ही इटली जर्मनी और यूके आदि देशों में निर्यात हुआ है।

By Abhishek AgnihotriEdited By: Publish:Tue, 22 Jun 2021 09:47 AM (IST) Updated:Tue, 22 Jun 2021 01:28 PM (IST)
चर्म निर्यात परिषद के चौंकाने वाले आंकड़े, लेदर इंडस्ट्री को 500 करोड़ का झटका
कोरोना संक्रमण काल में चर्म उद्योग को बड़ा नुकसान।

कानपुर, जेएनएन। कोरोनाकाल में चर्म उद्योग को साल भर में 500 करोड़ का झटका लगा है। चर्म निर्यात परिषद ने जो आंकड़े जारी किए हैं वह चौंकाने वाले हैं। बीते दो वर्षों से लॉकडाउन के कारण कई देशों से शहर में बनने वाले चर्म उत्पादों का निर्यात बंद है। इससे हालात बिगड़ गए हैं। अंतरराष्ट्रीय बाजार में अपना सिक्का चलाने वाले शहर के चर्म उद्योग ने बीते दो वर्षों से 80 फीसद नुकसान झेला है। सिर्फ 20 फीसद माल ही इटली, जर्मनी, यूके, आस्ट्रेलिया व फ्रांस समेत अन्य देशों में निर्यात हो सका है।

चर्म निर्यात परिषद ने कानपुर रीजन की रिपोर्ट जारी कर दी है। इससे साफ है कि चमड़े के उत्पाद के ऑर्डर दिन प्रतिदिन कम होते जा रहे हैं। आयात निर्यात विशेषज्ञ जफर फिरोज ने बताया कि शहर में फिनिश लेदर, लेदर शू, सेडलरी, पर्स व बेल्ट बनाए जाते हैं। इन उत्पादों के लिए पहले माल मिलना मुश्किल हो रहा था अब ऑर्डर नहीं मिल रहे हैं। इटली, जर्मनी, फ्रांस व अमेरिका चर्म उत्पादों का बड़ा बाजार है। इसके अलावा सेडलरी की मांग ऑस्ट्रेलिया व इंग्लैंड में सर्वाधिक है। लॉक डाउन के बाद से निर्यात बहुत कम रह गया है। निर्यात घटने के साथ ही कई उद्यमियों के पास कच्चा माल खरीदने के लिए भी बजट नहीं बचा है। दो साल की मंदी ने उनकी कमर तोड़ दी है। अगर सब कुछ ठीक रहा तो इस स्थिति से उबरने में कम से कम एक साल का समय लगेगा। -जफर फिरोज, रीजनल चेयरमैन चर्म निर्यात परिषद

बीते दस वर्षों में निर्यात की स्थिति

2011-12: 4314.93

2012-13: 4955.97

2013-14: 6393.04

2014-15: 7159.66

2015-16: 6429.91

2016-17: 6247.54

2017-18: 5805.88

2018-19: 5662.08

2019-20: 3234.50

2020-21: 2725.18

आंकड़े करोड़ रुपये में हैं

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