बही खाता रखने वाले कारोबारियों के लिए जरूरी खबर, सीबीडीटी ने तय किए नए नियम

नए मानकों के तहत जिन प्रतिष्ठान में सर्वे में बही खाता जब्त किए गए हैं उनकी अनिवार्य रूप से स्क्रूटनी की जाएगी। साथ ही जहां छापे पड़े हैं उनको भी अपने बहीखाते और कागजात अधिकारी के सामने लेकर जाना होगा।

By Abhishek AgnihotriEdited By: Publish:Mon, 21 Sep 2020 08:05 AM (IST) Updated:Mon, 21 Sep 2020 05:20 PM (IST)
बही खाता रखने वाले कारोबारियों के लिए जरूरी खबर, सीबीडीटी ने तय किए नए नियम
केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड के नियम तय।

कानपुर, जेएनएन। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने चालू वित्तीय वर्ष 2020-21 में फाइल किए जा रहे किसी भी वर्ष के रिटर्न को अनिवार्य रूप से स्क्रूटनी के लिए चुनने के नियम तय कर दिए हैं। इसमें साफ किया गया है कि जिन प्रतिष्ठानों में आयकर के छापे पड़े होंगे, उन्हें फेसलेस असेसमेंट की सुविधा नहीं मिलेगी। 

सीबीडीटी ने कहा है कि जिन मामलों में आयकर सर्वे हुए हैं, तलाशी या जब्ती की गई है या उच्च मूल्य के लेनदेन की सूचनाएं सरकारी एजेंसियों से मिली हैं, उन कारोबारियों के रिटर्न अनिवार्य तौर पर स्क्रूटनी के लिए चुने जाएंगे। इसके साथ ही जिन मामलों में फिर से कर निर्धारण किया जा रहा हो या ऐसे चैरिटेबल संस्थान जिनकी आमदनी कर मुक्त हो और उनकी कर मुक्ति खत्म कर दी गई हो।

इसमें यह भी कहा गया है कि यदि सर्वे में आयकर विभाग ने लूज कागजात या बहीखाते जब्त किए हैं तो ऐसे मामले फेसलेस की सुनवाई के तहत नहीं आएंगे। इसके साथ ही जहां छापे पड़े हैं उनको भी अपने बहीखाते और कागजात अधिकारी के सामने लेकर जाना होगा। ये केस सेंट्रल सर्किल में जाएंगे और वहां करदाता को बुलाकर पूछताछ की जाएगी।

वहीं दूसरी ओर जहां बहीखाते और कागजात जब्त नहीं किए गए हैं, वहां फेसलेस असेसमेंट होगा। साथ ही जिनके यहां तलाशी और जब्ती की कार्रवाई हुई है और कर निर्धारण की कार्रवाई होनी है, वे मामले भी सेंट्रल सर्किल जाएंगे। यदि करदाता ने रिटर्न दाखिल नहीं किया है तो अनिवार्य रूप से स्क्रूटनी होगी लेकिन यह फेसलेस के तहत होगी।

जिन मामलों में सरकारी एजेंसियों ने कोई सूचना दी है या कंप्यूटर सिस्टम ने जिन मामलों में करदाता को स्क्रूटनी के लिए चुना है, ऐसे मामलों की स्क्रूटनी भी फेसलेस के तहत होगी। -संतोष कुमार गुप्ता, टैक्स सलाहकार
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