पिछले वर्ष झकरकटी बस अड्डे पर हुए हादसे से भी नहीं चेते बस चालक, सड़क पर फिर बनाया बस स्टैंड
झकरकटी बस स्टैंड के बाहर दिन में कई बार लगता है जाम। पिछले वर्ष पहले विकास नगर डिपो की बस का झकरकटी पुल से उतरने समय ब्रेक हो गया था। बस की चपेट में आकर परिचालक व एक अन्य यात्री की मौत हो गई थी।
कानपुर, जेएनएन। झकरकटी बस अड्डे के बाहर सड़क पर फिर से रोडवेज बसों का अड्डा बन गया है। इससे यहां जाम और दुर्घटना की समान संभावना बनी रहती है। कुछ दिन पहले झकरकटी पुल से उतरते समय ब्रेक फेल होने से बस की चपेट में आकर दो लोगों की मौत हो गई थी। उसके बाद सख्ती की गई। बस चालकों को भी झकरकटी बस अड्डे के अंदर ही सवारी भरकर बाहर निकलने के निर्देश दिए गए। दिन बीतने के साथ सारे नियम ताक पर रखकर फिर से सड़क पर सवारियां भरने का काम शुरू हो गया है।
नियमों को किया दरकिनार, स्थिति फिर ढाक के तीन पात
झकरकटी स्थित मेजर सलमान खान बस अड्डे से हर दिन एक हजार से अधिक बसों का आवागमन होता है। तकरीबन 50 हजार से 60 हजार यात्री सफर करते है। पिछले वर्ष पहले विकास नगर डिपो की बस का झकरकटी पुल से उतरने समय ब्रेक हो गया था। बस की चपेट में आकर परिचालक व एक अन्य यात्री की मौत हो गई थी। मौत के बाद काफी हंगामा भी हुआ था। जिस बस के ब्रेक फेल हुए तो वह झकरकटी बस अड्डे के शौचालय की तरफ बने रास्ते से होकर दीवार से टकराई थी। उसी रात एक अन्य बस के ब्रेक फेल होने से उसकी चपेट में झकरकटी बस अड्डे पर खड़ी कार आ गई थी। हादसे के बाद रोडवेज अधिकारियों ने निर्णय लिया था कि बस अड्डे के मुख्य गेट पर किसी तरह का अतिक्रमण नहीं होने दिया जाएगा। बस अड्डे के दूसरी तरफ सड़क पर बसों को नहीं खड़ा होने दिया जाएगा। कुछ दिन इस पर अमल भी हुआ लेकिन अब बसे फिर पुराने ढर्रे पर आ गई है। दर्जनों बसें झकरकटी बस अड्डे आने की बजाय सड़क पर खड़ी होकर सवारियां भरती रहती है। बसों व टेम्पों व ई रिक्शा की वजह से झकरकटी बस अड्डे से टाटमिल चौराह तक जाम की स्थिति बनी रहती है।