कानपुर में गंगा किनारे शव दफनाना और जलाना पड़ेगा महंगा, अब एसडीआरएफ की टीम 24 घंटे करेगी निगरानी

ब्रह्माव्रत घाट से लेकर के कानपुर के गंगा बैराज घाट तक एसडीआरएफ प्लाटून कमांडर धर्मेंद्र तिवारी के नेतृत्व में प्रतिदिन घाटों के किनारे शवों को दफनाने और जलाने को लेकर के निगरानी की जाएगी। श्मशान घाट के अलावा कहीं भी समूह को जलाने के लिए बाद कर दिया गया है

By Akash DwivediEdited By: Publish:Sat, 15 May 2021 10:05 PM (IST) Updated:Sun, 16 May 2021 01:33 AM (IST)
कानपुर में गंगा किनारे शव दफनाना और जलाना पड़ेगा महंगा, अब एसडीआरएफ की टीम 24 घंटे करेगी निगरानी
डीसीपी ने बिठूर में गंगा का नाव से टीम के साथ निरीक्षण किया

कानपुर, जेएनएन। काफी समय से गंगा में जगह-जगह शवों के उतराने और शव जलाकर कहीं पर भी फेंक देने के मामले संज्ञान में आ रहे थे, जिसको प्रशासन ने गंभीरता से लेते हुए शनिवार को शाम को डीसीपी ने बिठूर में गंगा का नाव से टीम के साथ निरीक्षण किया। कहा कि अब शमशान घाट के अलावा गंगा के किनारे शवों को दफनाना और जलाना महंगा पड़ सकता है। क्यों की अब बिठूर से लेकर गंगा बैराज तक एसडीआरएफ की 15 सदस्य टीम निगरानी करेगी यह जानकारी डीसीपी संजीव त्यागी ने बिठूर में गंगा नदी के निरीक्षण के बाद दी।

उन्होंने बताया कि बिठूर के ब्रह्माव्रत घाट से लेकर के कानपुर के गंगा बैराज घाट तक एसडीआरएफ प्लाटून कमांडर धर्मेंद्र तिवारी के नेतृत्व में प्रतिदिन घाटों के किनारे शवों को दफनाने और जलाने को लेकर के निगरानी की जाएगी।

श्मशान घाट के अलावा कहीं भी समूह को जलाने के लिए बाद कर दिया गया है केवल श्मशान घाट पर ही शवों का अंतिम संस्कार किया जा सकेगा। इसके अलावा अन्य घाटों पर यदि कोई शवों का अंतिम संस्कार करते या दफनाते पाया जाएगा तो उसके खिलाफ कठोर से कठोर कार्रवाई की जाएगी। इसके अलावा गंगा बैराज से कानपुर की सीमा तक 37 पीएसी बटालियन निगरानी करेगी। शनिवार की शाम को 5:00 बजे डीसीपी संजीव त्यागी एसीपी दिनेश कुमार शुक्ला और बिठूर थाना अध्यक्ष अमित कुमार मिश्रा के साथ-साथ एसडीआरएफ प्लाटून कमांडर धर्मेंद्र तिवारी ने बिठूर के पत्थर घाट से मोटर वोट की ओर से पांच किलोमीटर तक गंगा के किनारे बसे गांव के किनारे किनारे निरीक्षण किया। 

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