सराफा दुकानों से जेवर को काटकर जांच के लिए ले जाएगी बीआइएस की टीम, जानिए क्या है पूरी वजह

भारतीय मानक ब्यूरो ने सराफा कारोबारियों को पत्र भेजे हैं। इसमें कहा गया है कि उनके आडिटर और हाल मार्किंग एजेंट जल्द ही सराफा दुकानों पर जांच के लिए पहुंचने लगेंगे। इस दौरान दुकानों में कई मानकों को तो जांचेंगे साथ ही जेवर को काटकर भी ले जा सकती हैं।

By Shaswat GuptaEdited By: Publish:Sat, 04 Dec 2021 01:25 PM (IST) Updated:Sat, 04 Dec 2021 01:25 PM (IST)
सराफा दुकानों से जेवर को काटकर जांच के लिए ले जाएगी बीआइएस की टीम, जानिए क्या है पूरी वजह
भारतीय मानक ब्यूरो ने सराफा कारोबारियों को पत्र भेजे हैं।

कानपुर, जागरण संवाददाता। भारतीय मानक ब्यूरो की टीम सराफा कारोबारी की दुकान से जेवर से सोने का टुकड़ा काट कर उसकी जांच कर सकती है। सराफा कारोबारी को जब तक इस जांच की रिपोर्ट नहीं आएगी, उसे जेवर का दूसरा टुकड़ा अपने पास सुरक्षित रखना होगा। अब कारोबारी इस बात पर नाराज हैं कि जिस जेवर का टुकड़ा काट लिया गया, उसकी बिक्री तो वैसे भी नहीं हो सकेगी। ऐसी स्थिति में उन्हें उस जेवर को दोबारा बनवाना होगा।

भारतीय मानक ब्यूरो ने सराफा कारोबारियों को पत्र भेजे हैं। इसमें कहा गया है कि उनके आडिटर और हाल मार्किंग एजेंट जल्द ही सराफा दुकानों पर जांच के लिए पहुंचने लगेंगे। अपने पत्र में ब्यूरो ने पहले से ही सराफा कारोबारियों से कह दिया है कि वे अपनी दुकान या शोरूम के बाहर भारतीय मानक ब्यूरो का लोगो तो लगाएंगे ही, इसके अलावा बोर्ड पर साथ में यह भी लिखेंगे कि हालमार्क वाले आभूषण बिक्री के लिए उपलब्ध हैं। इसके साथ ही दुकान में भारतीय मानक ब्यूरो से जारी हुआ पंजीकरण प्रमाणपत्र भी साफ तरीके से दिखने लायक जगह पर लगाना होगा।

दुकान के अंदर इसके अलावा भी जानकारियां ग्राहकों के लिए लिखने के निर्देश दिए गए हैं। इसमें हालमार्क वाले आभूषणों पर अंकित मार्किंग देखी जा सकती है। आभूषणों कलाकृतियों पर हालमार्क के विवरण को सत्यापित करने के लिए ग्राहकों के लिए चीज को 10 गुना बढ़ा दिखाने वाला मैग्नीफाइंग ग्लास मौजूद है। दुकानदारों को हालमार्क का शुल्क भी दुकान में लिखना होगा। जिसमें सोने के जेवर व कलाकृतियों के हालमार्क की कीमत 35 रुपये और चांदी की प्रति वस्तु की हालमार्किंग के लिए 25 रुपये देना होगा।

जांच के दौरान अधिकारी किसी भी आभूषण से कम से कम दो ग्राम सोने का टुकड़ा काट सकेगा। इसे नमूने के रूप में वह जांच के लिए ले जा सकेगा। जब तक उसकी जांच पूरी नहीं हो जाएगी। सराफा कारोबारी को दूसरे टुकड़े को संभालकर रखना होगा।

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