निर्माणाधीन बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे पर हादसा, पानी भरे गड्ढे में डूबकर मजदूर की मौत, साथी के साथ आए थे नहाने

Bundelkhand Expressway Accident विश्वकर्मा प्रसाद गांव के मिश्रीलाल के साथ सात सितंबर को देहात कोतवाली क्षेत्र के ग्राम जारी गांव में बन एक्सप्रेस वे में मजदूरी करने आया था। शुक्रवार को वह बिहार निवासी जलेश्वर के साथ पुल के खोदे गए पानी भरे गड्ढे में नहाने गया था।

By Shaswat GuptaEdited By: Publish:Fri, 17 Sep 2021 08:32 PM (IST) Updated:Fri, 17 Sep 2021 08:32 PM (IST)
निर्माणाधीन बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे पर हादसा, पानी भरे गड्ढे में डूबकर मजदूर की मौत, साथी के साथ आए थे नहाने
घटना की जानकारी देते साथ काम करने वाले मजदूर मिश्रीलाल व जलेश्वर मिश्रा।

बांदा, जेएनएन। Bundelkhand Expressway Accident निर्माणाधीन बुंदेलखंड एक्सप्रेस वे के पानी भरे गड्ढे में नहाने गए मजदूर की पैर फिसलने से डूबकर मौत हो गई। ठेकेदार व अन्य मजदूर उसे पानी से बाहर निकालकर जिला अस्पताल ले गए। पुलिस ने शव कब्जे में लेकर लिखा-पढ़ी की। घटना की सूचना उसके स्वजन को दी गई है।

बिहार के जनपद छपरा अंतगर्त थाना सहाजीतपुर ग्राम सिसंई निवासी छट्टू प्रसाद का 32 वर्षीय पुत्र विश्वकर्मा प्रसाद गांव के मिश्रीलाल के साथ सात सितंबर को देहात कोतवाली क्षेत्र के ग्राम जारी गांव में बन एक्सप्रेस वे में मजदूरी करने आया था। शुक्रवार को वह बिहार निवासी जलेश्वर के साथ पुल के खोदे गए पानी भरे गड्ढे में नहाने गया था। जहां हाथ धुलते समय अचानक उसका पैर फिसल गया। इससे वह पानी भरे गड्ढे में डूबने लगा। साथ मौजूद मजदूर ने अपनी साफी फेंककर उसे बचाने का प्रयास किया, लेकिन तब तक वह पानी के अंदर समा गया। जलेश्वर ने उसे डूबता देखकर शोर मचाया। जिसमें ठेकेदार अरविंद गुप्ता व अन्य मजदूर भागकर मौके पर पहुंचे। मजदूरों ने करीब 15 से 20 मिनट में उसे पानी से खोजकर बाहर निकाल लिया। लेकिन इस बीच उसकी हालत बिगड़ चुकी थी। आनन-फानन उसे प्राइवेट साधन से जिला अस्पताल ले जाया गया। जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया। मजदूर जलेश्वर ने बताया कि उसने शैंपू मंगवाया था। शैंपू लेकर लौटने पर वह डूबते हुए मिला था। पुलिस लाइन के एसआइ सुजीत कुमार ने बताया कि शव का पंचनामा कराया गया है। उसके स्वजन को फोन पर घटना की सूचना दी गई है। उसके तीन बेटे हैं। जमीन न होने से पत्नी रेनू व तीन बच्चों के परिवार का वह शटरिंग लगाने की मजदूरी करके भरण-पोषण करता था।

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