बिल्डरों का खेल : बिधनू के नगंवा गांव में प्लाटिंग साइट पर जाने के लिए नहर पर बना दिया पुल

जानकारी ग्रामीणों द्वारा सिंचाई विभाग के अधिकारियों को दी गई पर उनके द्वारा कथित तौर पर संज्ञान तब लिया गया जब पुल तैयार हो गया। बाद में अधिशासी अभियंता यासीन खान ने कमेटी बनाकर जांच कराई पुल अवैध भी पाया गया पर उसके ध्वस्तीकरण का आदेश नहीं दिया गया

By Akash DwivediEdited By: Publish:Mon, 02 Aug 2021 10:33 AM (IST) Updated:Mon, 02 Aug 2021 01:27 PM (IST)
बिल्डरों का खेल : बिधनू के नगंवा गांव में प्लाटिंग साइट पर जाने के लिए नहर पर बना दिया पुल
सरकारी जमीनों की लूट को लगातार अनदेखा किया जा रहा

कानपुर, जेएनएन। सांसद, विधायक भले ही सरकारी जमीनों को लेकर फिक्रमंद हों पर निजी कालोनाइजर्स का खेल शहर में बंद नहीं हो रहा है। ये केडीए और ग्राम समाज की बेशकीमती जमीन और चकमार्गों को ही नहीं लूट रहे, बल्कि सरकारी संपत्ति को अपने फायदे के लिए खुर्द-बुर्द कर रहे हैं। ताजा मामला बिधनू के नगला गांव और कटरी ख्यौरा का है यहां कालोनाइजर्स ने एक जगह नहर पर पुल बना डाला तो दूसरी जगह केडीए की जमीन पर सीसी रोड बना दी, डाली जिससे प्लाटिंग साइट तक पहुंच आसान हो सके।

शहर के बाहरी हिस्सों में कालोनाइजर्स की ओर से संबंधित अधिकारियों की मिलीभगत से किए जा रहे खेल को दैनिक जागरण द्वारा लगातार बेनकाब किए जाने पर जिला विकास समन्वय और निगरानी समिति (दिशा) की शनिवार को हुई बैठक में फिक्र जताए जाने के साथ डीएम को सरकारी जमीनों का सर्वे कराने का निर्देश दिया गया है। हालांकि उससे पहले ही जागरण द्वारा विकास प्राधिकरण और राजस्व विभाग को उसकी सम्पत्तियां लुटने को लेकर कई बार आगाह किया जा चुका है। संज्ञान में आने के बाद भी जिम्मेदार अधिकारियों के द्वारा सरकारी जमीनों की लूट को लगातार अनदेखा किया जा रहा है।

ताजा मामला गंगा बैराज क्षेत्र के कटरी ख्यौरा का है जहां केडीए की भूमि संख्या 2128 के रकबा 0.0230 हेक्टेयर पर निजी कालोनाइजर के द्वारा पहले महीनों तक मिट्टी की भराई करके गंगा के दाहिने बंधे से रैंप उतारा गया, जिससे कि उसकी प्लाटिंग साइट तक पहुंचना आसान हो सके। अब उसके द्वारा केडीए की जमीन पर सीसी रोड तैयार कर दी गई। वहीं बिधनू ब्लाक के नगंवा गांव के बगल से निकली नहर के बगल में कालोनाइजर ने किसान से जमीन खरीदी। वहां प्लाटिंग साइट तैयार की पर पुल काफी दूरी पर होने से प्लाट की बिक्री नहीं हुई तो उसने सिंचाई विभाग के अधिकारियों की मिलीभगत से नहर पर पुल बना डाला। विभाग के अपने खैरख्वाहो से कालोनाइजर को जानकारी थी कि नहर के चौड़ीकरण के लिए डेढ़ माह तक पानी बंद रहेगा, इसी दौरान पुल का निर्माण किया गया। पुल बनाए जाने की जानकारी ग्रामीणों द्वारा सिंचाई विभाग के अधिकारियों को दी गई पर उनके द्वारा कथित तौर पर संज्ञान तब लिया गया जब पुल तैयार हो गया। बाद में अधिशासी अभियंता यासीन खान ने कमेटी बनाकर जांच कराई, पुल अवैध भी पाया गया पर उसके ध्वस्तीकरण का आदेश नहीं दिया गया।

एक्सईएन अब अपनाएंगे प्रोसीजर : नहर पर पुल बनते वक्त अनदेखी करने वाले सिंचाई विभाग के अधिकारी अब ध्वस्तीकरण के लिए प्रोसीजर अपनाएंगे। पुल बनने की जांच कराने वाले अधिशासी अभियंता यासीन खान स्वीकारते हैं कि कमेटी के द्वारा जांच कराने पर निर्माण को अवैध पाया गया साथ ही बताते हैं कि निर्माण ध्वस्त कराने के लिए प्रोसीजर अपनाना होगा। प्रशासन को पत्र लिखा जाएगा। हालांकि पुल निर्माण शुरू होते ही विभाग के अवर अभियंता की ओर से उच्चाधिकारियों के साथ पुलिस को सूचना दिए जाने से इतना साफ है कि अधिकारियों द्वारा जानते हुए भी निर्माण रुकवाने का प्रयास नहीं किया गया।

इनका ये है कहना

ग्राम समाज की जमीन पर कब्जे है तो उसको खाली कराया जाएगा और कब्जा करने वालों पर कार्रवाई की जाएगी।- अजीत सिंह, तहसीलदार, केडीए

तहसीलदार से जांच कराई जाएगी। केडीए की जमीन कब्जेदारों से खाली करायी जाएगी, जल्द अभियान चलाया जाएगा।- आरआरपी सिंह, अधिशासी अभियंता, केडीए 

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