पंचतूर के वादन से बुद्ध कलश यात्रा का स्वागत, दर्शन कर उल्लास में झूमे बौद्ध अनुयायी

श्रीलंका से बुद्ध कलश यात्रा में शामिल 21 सदस्यीय दल संकिसा में यूथ बुद्धिस्ट सोसायटी सेंटर पहुंचा है। यहां यात्रा के स्वागत करने और कलश दर्शन के लिए लोगों का तांता लगा है। बौद्ध अनुयायी दर्शन के लिए पहुंच रहे हैं।

By Abhishek AgnihotriEdited By: Publish:Sat, 23 Oct 2021 11:31 AM (IST) Updated:Sat, 23 Oct 2021 11:31 AM (IST)
पंचतूर के वादन से बुद्ध कलश यात्रा का स्वागत, दर्शन कर उल्लास में झूमे बौद्ध अनुयायी
कलश यात्रा में वाद्ययंत्रों से समां बांधा।

फर्रुखाबाद, जेएनएन। श्रीलंका से चलकर भारत में फर्रुखाबाद के संकिसा के यूथ बुद्धिस्ट सोसायटी (वाईबीएस) सेंटर पहुंची भगवान बुद्ध के पवित्र कलश यात्रा को लेकर बौद्ध अनुयायियों में खासा उत्साह है। यहां पर सुंदर पंडाल में यात्रा का स्वागत किया गया और शनिवार की सुबह विदेशी वाद्ययंत्र वादकों ने तान छेड़ी तो माहौल सुरमयी हो गया। श्रीलंका से आए दल 21 सदस्यीय दल का नेतृत्व डब्लू महेंद्र महानायक थेरो व एम अस्सजी तिस्स थेरो कर रहे हैं। कलश के दर्शन के लिए अनुयायियों का तांता लगा हुआ है।

श्रीलंका से भगवान बुद्ध के पवित्र कलश को लेकर 21 सदस्यीय दल भारत में प्रमुख स्थानों के भ्रमण पर है। शुक्रवार की शाम यह दल लखनऊ एक्सप्रेस वे से कन्नौज, छिबरामऊ होकर मैनपुरी की जिले की सीमा से संकिसा पहुंचा है। यहां कलश दर्शन और स्वागत के लिए लोगों की भीड़ एकत्र है। वहीं भिक्षुगणों की सुरक्षा में पुलिस फोर्स तैनात है। कलश यात्रा के साथ विदेशी वाद्ययंत्र वादक भी आए है। शनिवार सुबह इन कलाकारों ने संकिसा स्थित इम्पैक होटल में कला का बेहतरीन प्रदर्शन किया।

वाद्ययंत्र वादकों की टोली यात्रा के आगे चल रही थी और श्रद्धालु भी खासा उल्लास में डूबे रहे। पवित्र कलश के साथ यात्रा राजघाट स्थित यूथ बुद्धिष्ट सोसाइटी पहुंची, यहां मंडप में कलश को दर्शनार्थ रखा गया। श्रीलंकाई भंते सुमन रत्न ने बताया कि वाद्ययंत्र को पंचतूर कहा जाता है और बुद्ध कलश यात्रा, परित्राण पाठ आदि धार्मिक कार्यक्रम में इसका वादन किया जाता है। बदायूं की सांसद संघमित्रा मौर्य ने भी बुद्ध कलश के दर्शन किए। होटल में लाया गया। वाईबीएस सेंटर के अध्यक्ष सुरेश बौद्ध ने बताया कि कलश दर्शन के लिए लाेग पहुंच रहे हैं।

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