बसपा नेता हत्याकांड : जेल से बाहर निकला नहीं पप्पू स्मार्ट और कोर्ट पहुंचकर कर दिए दस्तखत

बसपा नेता पिंटू सेंगर हत्याकांड में आरोपित पप्पू स्मार्ट जेल में बंद है। न अदालत का आदेश हुआ और न ही वह जेल से बाहर आया लेकिन उसके द्वारा किए दस्तखत से मां को मुख्तार-ए-आम बनाए जाने के दस्तावेज तैयार हो गए।

By Abhishek AgnihotriEdited By: Publish:Thu, 21 Oct 2021 11:53 AM (IST) Updated:Thu, 21 Oct 2021 11:53 AM (IST)
बसपा नेता हत्याकांड : जेल से बाहर निकला नहीं पप्पू स्मार्ट और कोर्ट पहुंचकर कर दिए दस्तखत
बसपा नेता हत्याकांड में जेल में बंद है पप्पू स्मार्ट।

कानपुर, [गौरव दीक्षित]। बसपा नेता पिंटू सेंगर हत्याकांड में जेल में बंद शातिर पप्पू स्मार्ट की जेल प्रशासन के साथ मिलीभगत का बड़ा मामला सामने आया है। उसने जेल के अंदर रहते हुए अपनी मां को अपना मुख्तार-ए-आम बना दिया, जबकि नियमानुसार इसके लिए अदालत का आदेश लिया जाना चाहिए था। जिस दिन मुख्तार-ए-आम का दस्तावेज बना, उस दिन वह जेल में ही था, जबकि दस्तावेजों में उसे कोर्ट परिसर में मौजूद दिखाया गया है। दावा है कि दस्तावेजों में उसके ही हस्ताक्षर हैं। इससे पूरे तंत्र पर बड़ा सवाल खड़ा हो गया है।

जाजमऊ निवासी पप्पू स्मार्ट के खिलाफ वर्ष 2015 में अधिवक्ता संदीप शुक्ला ने चकेरी थाने में मुकदमा दर्ज कराया था। इसमें उसकेखिलाफ फर्जी दस्तावेज लगाकर पीडब्ल्यूडी की जमीन कब्जाने का आरोप था। पुलिस ने मामले में चार्जशीट दाखिल की थी। गिरफ्तार न होने पर पप्पू स्मार्ट के जूते के शोरूम को पांच जून 2019 को कुर्क कर लिया गया था। इस कुर्क संपत्ति को रिलीव कराने के लिए पप्पू स्मार्ट ने आठ अप्रैल 2021 को अपनी मां मेहर जहां को अपना मुख्तार-ए-आम घोषित कर दिया। वह कुर्क संपत्ति रिलीव कराने के लिए लड़ाई लड़ रही हैं।

नियमानुसार जब कोई अभियुक्त जेल में होता है तो उसे मुख्तार-ए-आम के लिए अदालत की अनुमति लेनी पड़ती है।

हालांकि, इस मामले में ऐसा कोई आदेश नहीं लिया गया। मुख्तार-ए-आम में जो दस्तावेज लगाए गए हैं, उनकेमुताबिक पप्पू स्मार्ट आठ अप्रैल 2021 को कोर्ट परिसर में था, क्योंकि नोटरी करने वालों ने ऐसा ही सत्यापित किया है। वहीं,जेल के रिकार्ड के मुताबिक, वह आठ अप्रैल 2021 को जेल से बाहर ही नहीं आया। सवाल यह है कि जब वह जेल में था तो उसके हस्ताक्षर किसने किए। दाव है कि जेल प्रशासन की मिलीभगत से जेल के अंदर रहते ही उसने हस्ताक्षर किए और बाद में नोटरी करने वालों ने उसकी गैरमौजूदगी में उसे सत्यापित कर दिया।

फरार आरोपित बने गवाह : पूरे खेल में बड़ी बात यह है कि जमीन संबंधी विवाद के जिस प्रकरण में पप्पू स्मार्ट का शोरूम कुर्क हुआ, उस मुकदमे में उसका बेटा जैन कालिया और भतीजा फराज शोएब भी आरोपित है। पिछले छह सालों से दोनों इस प्रकरण में फरार ही हैं। न तो उन्होंने जमानत ली और न ही पुलिस ने उन्हें अब तक गिरफ्तार किया। मुख्तार-ए-आम के दस्तावेज में यही दोनों गवाह बने हैं।

मामला बेहद गंभीर है। मामले की जांच कराई जाएगी। अगर जरूरत पड़ी तो मुकदमा दर्ज कर मामले की जांच होगी। -असीम अरुण, पुलिस आयुक्त

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