बसपा नेता अनुपम के भाई अनुराग की जानलेवा हमले में जमानत स्वीकृत, धोखाधड़ी में खारिज
व्यवसायी मोहन अग्रवाल ने वर्ष 2020 में मोहल्ला वृंदावन गली निवासी अभिषेक उर्फ सोनू व पंकज रस्तोगी उर्फ वंशी आदि के खिलाफ जानलेवा हमले का मुकदमा दर्ज कराया था। पुलिस ने विवेचना के दौरान बसपा नेता अनुुपम दुबे के भाई अनुराग दुबे Óडब्बनÓ को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया।
फर्रुखाबाद, जेएनएन। इंस्पेक्टर रामनिवास यादव और पीडब्ल्यूडी ठेकेदार शमीम की हत्या के मामले में मैनपुरी जिला जेल में बंद बसपा नेता अनुपम दुबे के भाई डब्बन को पुलिस ने जानलेवा हमले के मामले में जेल भेजा था। इसके बाद डब्बन के खिलाफ धोखाधड़ी व जबरन हस्ताक्षर के मुकदमे दर्ज कराए गए। तीनों ही मामलों में अलग-अलग न्यायालयों में जमानत याचिकाएं दायर की गई थीं। जानलेवा हमले के मुकदमे में जनपद न्यायाधीश चवन प्रकाश ने सुनवाई की और एक-एक लाख रुपये बंधक पत्रों पर जमानत पर रिहा करने के आदेश दिए हैं। इसके अलावा धोखाधड़ी के आरोप में न्यायिक मजिस्ट्रेट ने जमानत याचिका निरस्त कर दी है।
व्यवसायी मोहन अग्रवाल ने वर्ष 2020 में मोहल्ला वृंदावन गली निवासी अभिषेक उर्फ सोनू व पंकज रस्तोगी उर्फ वंशी आदि के खिलाफ जानलेवा हमले का मुकदमा दर्ज कराया था। इसी मुकदमे में पुलिस ने विवेचना के दौरान बसपा नेता अनुुपम दुबे के भाई अनुराग दुबे Óडब्बनÓ को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। उनके अधिवक्ता ने जानलेवा हमला, धोखाधड़ी व जबरन प्रमाण पत्रों पर हस्ताक्षर करवाने के मामले में जमानत याचिकाएं दायर कीं। जानलेवा हमले के मुकदमे में जिला जज के न्यायालय में बुधवार को सुनवाई हुई। जिला जज ने साक्ष्यों को आधार मानते हुए जमानत याचिका स्वीकृत कर दी। इसके अलावा इसी मुकदमे के आरोपित अभिषेक व पंकज को भी जमानत मिल गई है। वहीं मोहम्मदाबाद कोतवाली में दर्ज धोखाधड़ी व प्रमाण पत्रों पर जबरन हस्ताक्षर कराने के मुकदमे में अपर न्यायिक मजिस्ट्रेट ने जमानत याचिका निरस्त कर दी है। अनुराग दुबे के अधिवक्ता जितेंद्र ङ्क्षसह चौहान ने बताया कि जिन मुकदमों में जमानत याचिका खारिज हुई है। जिला जज के न्यायालय में याचिका दायर की जाएगी।