पत्नी की चिता ठंडी होने से पहले पूर्व विधायक ने भी छोड़ी दुनिया, फतेहपुर के बिंदकी क्षेत्र में शोक की लहर
फतेहपुर के बिंदकी क्षेत्र से सुखदेव प्रसाद वर्मा दो बार लगातार विधायक रह चुके थे वह बसपा के टिकट पर लोकसभा चुनाव भी लड़े थे। एक दिन पहले पत्नी का निधन होने पर बेटी ने चिता को मुखाग्नि दी थी।
फतेहपुर, जेएनएन। अभी पत्नी की चिता ठंडी भी नहीं हुई थी कि सवेरा होने से पहले पूर्व विधायक पति ने भी दुनिया छोड़ दी। सोमवार की रात फतेहपुर में बिंदकी क्षेत्र से दो विधायक रहे सुखदेव प्रसाद वर्मा का निधन प्रयागराज के निजी अस्पताल में होने की सूचना मिलते ही समर्थकों और लोगों में शोक की लहर दौड़ गई। वह बसपा के सक्रिय नेता था और बिंदकी क्षेत्र से दो बार लगातार विधायक भी रहे थे। बसपा के टिकट पर उन्होंने लोकसभा का भी चुनाव लड़ा था।
बसपा प्रमुख मायावती के खास में होती थी गिनती
मूलरूप से बिंदकी तहसील के सिकट्ठनपुर गांव के रहने वाले सुखदेव प्रसाद वर्मा ने 20वीं सदी के नौंवे दशक में निर्विरोध ग्राम प्रधान बनकर राजनीतिक सफर की शुरुआत की थी। इसके बाद दुग्ध संचालक बने और वर्ष 2002 में वह पहली बार बिंदकी विधानसभा क्षेत्र से बहुजन समाज पार्टी के प्रत्याशी के रूप में मैदान में उतरे। पहली बार उन्हें असफलता मिली और वह चुनाव हार गए। इसके बाद 2007 में बसपा के टिकट पर विधानसभा का चुनाव लड़े और जीते। पूर्व मुख्यमंत्री मायावती के विश्वासपात्रों में उनकी गिनती होती थी। दोबारा 2012 के विधानसभा चुनाव में बसपा ने उम्मीदवार घोषित किया और फिर वह चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचे। इसके बाद बसपा की टिकट पर 2017 का चुनाव वह हार गए। वर्ष 2019 में लोकसभा चुनाव में भी वह बसपा की टिकट पर मैदान में उतरे लेकिन पराजित हुए।
प्रयागराज के अस्पताल में भर्ती थे पूर्व विधायक
लंबे समय से कानपुर नगर के शिव कटरा मोहल्ले में रह रहे सुखदेव प्रसाद वर्मा की पत्नी का हार्ट अटैक से सोमवार को निधन हो गया था। करीब 22 दिन पहले अचानक कमजोरी महसूस होने पर स्वजन प्रयागराज के निजी अस्पताल ले गए थे, जहां उन्हें भर्ती कराया गया था। उपचार के चलते उन्हें पत्नी के निधन की खबर नहीं दी गई थी और दामाद फूलपुर विधायक प्रवीण पटेल के साथ आई बेटी सोनाली उर्फ गोल्डी ने मां की चिता को मुखाग्नि दी थी। देर रात अस्पताल में भर्ती सुखदेव प्रसाद की भी हालत बिगड़ गई और उनका निधन हो गया। उनके निधन की खबर से फतेहपुर और बिंदकी क्षेत्र में शोक की लहर दौड़ गई। लोग संत्वाना देने के लिए गांव पहुंचने लगे हैं। प्रयागराज से उनका पार्थिव शरीर गांव लाया जा रहा है, जहां पर अंतिम संस्कार करने की तैयारी की जा रही है।