कानपुर में बीएसएनएल और सेतु निगम के अधिकारियों में ठनी, एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप का दौर

बीएसएनएल के अधिकारी ने सेतु निगम के ज्वाइंट एमडी से शिकायत करते हुए चोरी का आरोप लगाया है। वहीं दूसरी ओर सेतु निगम के ज्वाइंट एमडी का कहना है कि जानकारी के अभाव में बीएसएनएल से शिफ्टिंग का ब्योरा मांगा गया था।

By Abhishek AgnihotriEdited By: Publish:Mon, 30 Aug 2021 02:07 PM (IST) Updated:Mon, 30 Aug 2021 02:07 PM (IST)
कानपुर में बीएसएनएल और सेतु निगम के अधिकारियों में ठनी, एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप का दौर
दो बड़े विभागों के बीच आपसी खींचतान मची है।

कानपुर, जेएनएन। पनकी से कल्याणपुर के बीच बन रहे पुल की खोदाई के दौरान बीएसएनएल चोरी और कटने का मामले में दोनों विभागों को अधिकारी आमने-सामने आ गये हैं। इस वजह से खींचतान हो रही है। बीएसएनएल अधिकारियों ने आरोप सेतु निगम उप परियोजना प्रबधंक पर लगा दिया है।

उप मंडल अधिकारी (फोन्स) पवन सिंह चौहान ने बताया कि सेतु निर्माण निगम पनकी से कल्याणपुर के बीच अर्मापुर नहर के पास सर्विस रोड बना रहा है। इस दौरान उन्होंने 1200 पेयर की लाइन काट दी। पोल भी उखाड़कर फेंक दिये और कुछ चोरी हो गये हैं। इस वजह से इलाके के सीआइएसएफ कार्यालय सहित अन्य ग्राहकों को सेवा बाधित हो गई है। उन्होंने बताया कि जब पुल बनने जा रहा था। इस दौरान सेतु निगम की ओर से लाइनों की शिफ्टिंग का ब्योरा मांगा था तो बीएसएनएल की ओर से करीब 36 लाख रुपये का ब्योरा बनाकर भेजा गया था, लेकिन अभी तक उन्होंने मिला नहीं है। 

पवन ने उप परियोजना प्रबधंक, ठेकेदार विजय कुमार सिंह, साइड सुपरवाइजर पर चोरी और लापरवाही का आरोप लगाते हुये ज्वाइंट एमडी सेतु निगम राकेश सिंह को मेल पर शिकायती पत्र भेजा है। राकेश सिंह ने बताया कि पीडब्ल्यूडी की सड़क के नीचे केबल बिछाने से पहले अनुमति लेनी पड़ती है। उसमें यह भी नियम है कि केबल शिफ्टिंग बीएसएनएल अपने खर्च पर करेगा। जानकारी के आभाव में उनसे यूटिलिटी शिफ्टिंग का डाटा मांग लिया गया था।

झगड़े की यह है वजह

कल्याणपुर से भाटिया तिराहा के बीच दो रेलवे क्रासिंग बनी हुई हैं। दोनों ही पटरी में मौजूदा समय में कोई ट्रेन नहीं आती, इस वजह से लोगों को दिक्कत नहीं होती है। वहीं, पनकी में बन रहे पावर प्लांट का काम खत्म होने के बाद कोयला लदी गाड़ियों का आवागमन शुरू हो जाएगा तो दोनों की का्रसिंग पर जाम लगा रहेगा। इससे निजात दिलवाने के लिए पावर हाउस ने सेतु निगम को धनराशि दे दी है। अब दोनों पुलों में काम चालू हुआ तो कोई ना कोई विवाद विभागों में आपस में समन्वय स्थापित नहीं कर पा रहा है।

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