मलबे में दबने से टूटी हड्डियां, अधिक खून बहने से हुई थी मौत
हटिया बाजार में मकान गिरने से दबीं मां-बेटी के शव का हुआ पोस्टमार्टम दोपहर बाद तीन बजे पहुंचे दोनों शव तो मचा कोहराम।
जागरण संवाददाता, कानपुर : मूलगंज थाना क्षेत्र के हटिया बाजार स्थित चार मंजिला इमारत के मलबे में दबकर मां मीना गुप्ता और बेटी प्रीति के सिर, पीठ, हाथ व पैर की हड्डियां टूट गई थीं। इसी वजह से उनकी मौत हुई। शुक्रवार शाम पोस्टमार्टम रिपोर्ट में ये तथ्य सामने आए। दोपहर बाद करीब तीन बजे मां-बेटी के शव को घर लाया गया। शाम को अंतिम संस्कार हुआ।
बारिश के चलते गुरुवार रात करीब सवा नौ बजे करीब सौ साल पुरानी चार मंजिला जर्जर इमारत धराशाई हो गई थी। तीसरी मंजिल पर रहने वाली 50 वर्षीय मीना गुप्ता और उनकी 20 वर्षीय बेटी प्रीति की मलबे में दबकर मौत हो गई थी। एसडीआरएफ (राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल) टीम और सेना के जवानों की मदद से करीब पांच घंटे तक रेस्क्यू ऑपरेशन चलाकर दोनों के शव निकाले गए थे। पिता रामशंकर गुप्ता की पिछले वर्ष दीपावली पर मौत होने के सदमे से दोनों बेटे राहुल और ङ्क्षरकू अभी उबर भी नहीं पाए थे कि मां और बहन की मौत से वह बेहाल हो गए। वह रोते हुए यही कहते रहे कि भगवान ने सबकुछ छीन लिया। मां और बहन चली गई और आशियाना भी नहीं बचा। अब कहां सहारा मांगें। ताऊ के परिवार से पहले से ही संपत्ति को लेकर विवाद था। उन्नाव से आए मीना के मायके वाले ही उन्हें सहारा देने की कोशिश करते रहे। शाम को पोस्टमार्टम रिपोर्ट में सामने आया कि ऊंचाई से गिरने और मलबे में दबने से मीना और प्रीति का पूरा शरीर बुरी तरह कुचल गया था। हड्डी, फेफड़े, दिल आदि सभी अंग डैमेज हो गए और शरीर के अंदर अत्यधिक रक्तस्राव से उनकी मौत हुई।
पिछले साल भाई का मकान गिरा, फिर भी नहीं चेते
जिस मकान के गिरने से इतना बड़ा हादसा हुआ। उसके ठीक बगल वाला मकान राहुल के ताऊ उमाशंकर गुप्ता का है। पिछले वर्ष यह दो मंजिला मकान भी जमींदोज हो गया था। उस दौरान मकान में रहने वाले एक किरायेदार का परिवार अंदर फंस गया था। जिसे फायर ब्रिगेड और पुलिस की टीम ने रेस्क्यू करके बाहर निकाला था। उस हादसे के बाद भी उमाशंकर के भाइयों और भतीजों ने सबक नहीं लिया और गुरुवार रात मां-बेटी की जान चली गई।