नॉन इंजीनियरिंग छात्रों के प्रशिक्षण का रास्ता साफ, बोर्ड ऑफ अप्रेंटिसशिप ट्रेनिंग नार्थ रीजन का 23 विश्वविद्यालयों संग हुआ करार
अब कौन से कोर्स और उसकी ट्रेनिंग को कब से शुरू करना है इसको लेकर जल्द ही बैठक हो सकती है। यह कोर्स सभी विश्वविद्यालयों में अलग अलग हो सकते हैं। बोर्ड के अधिकारी पहले उन विषयों की स्थानीय स्तर पर नौकरी और प्रशिक्षण के अवसर की संभावनाएं तलाशेंगे।
कानपुर, जेएनएन। नॉन इंजीनियरिंग छात्रों की पढ़ाई के दौरान कंपनियों और सरकारी व निजी संस्थानों में प्रशिक्षण का रास्ता साफ हो गया है। इसकी नए साल से शुरूआत हो सकती है। बोर्ड ऑफ अप्रेंटिसशिप ट्रेनिंग के उत्तरी क्षेत्र का देश के 23 विश्वविद्यालयों संग करार हो चुका है। अब कौन से कोर्स और उसकी ट्रेनिंग को कब से शुरू करना है, इसको लेकर जल्द ही बैठक हो सकती है। यह कोर्स सभी विश्वविद्यालयों में अलग अलग हो सकते हैं। बोर्ड के अधिकारी पहले उन विषयों की स्थानीय स्तर पर नौकरी और प्रशिक्षण के अवसर की संभावनाएं तलाशेंगे।
शिक्षा मंत्रालय की ओर से पिछले वर्ष अप्रेंटिसशिप एंबेडेड डिग्री प्रोग्राम को लांच किया था। बोर्ड को नॉन इंजीनियरिंग करने वाले छात्रों को भी बीटेक, बीई, पॉलीटेक्निक की तर्ज पर अप्रेंटिसशिप का खाका बनाने के लिए निर्देशित किया गया। बोर्ड की ओर से मौजूदा समय में इंजीनियरिंग और डिप्लोमा कर चुके छात्रों को कंपनियों और तकनीकी संस्थानों में प्रशिक्षण दिया जाता है। इसमें उन्हेंं हर महीने निर्धारित मानदेय भी मिलता है।
प्रदेश में इन विश्वविद्यालयों से हुआ करार
- छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय, कानपुर - दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय, गोरखपुर - इरा विश्वविद्यालय, लखनऊ - गैलगोटिया यूर्निवर्सिटी, नोएडा - आइआइएमटी यूर्निवर्सिटी, मेरठ - कैलाश इंस्टीट्यूट ऑफ फार्मेसी एंड मैनेजमेंट, गोरखपुर - महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ, वाराणसी - नेहरू ग्राम भारती डीम्ड यूर्निवर्सिटी, प्रयागराज - सैम हिग्निबॉटम यूर्निवर्सिटी ऑफ एग्रीकल्चर, टेक्नोलॉजी एंड साइंस, प्रयागराज - संस्कृति यूर्निवर्सिटी, मथुरा - शोभित यूर्निवर्सिटी, सहारनपुर - श्रीराम स्वरूप मेमोरियल यूर्निवर्सिटी , लखनऊ - तीर्थांकर महावीर यूर्निवर्सिटी, मुरादाबादइनका ये है कहना
- एसके मेहता, निदेशक बोर्ड ऑफ अप्रेंटिसशिप ट्रेनिंग उत्तरी क्षेत्र