सीएसए में काले गेहूं का ट्रायल हुआ खराब, अधिकारी बोले काम जारी रहेगा
सीएसए में अव्यवस्था तथा रखरखाव के खामी के चलते काले गेहूं पर होने वाला ट्रायल खराब हो गया। कारण कुछ भी रहा हो इस गेहूं को तैयार किया जाना था लेकिन इसके लिये आए पौधे सूख गये। अब जालंधर पंजाब से और पौधे मंगाए गए हैैं।
कानपुर, जेएनएन। अव्यवस्था और रखरखाव का अभाव किसी भी सकारात्मक पहल के लिए घातक हो सकता है। इससे न सिर्फ नई योजनाओं पर ब्रेक लग जाता है, बल्कि आगे की उम्मीद दम तोड़ देती है।
ऐसा ही कुछ चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय में सामने आया है। यहां दो साल पहले पंजाब में विकसित हुए काले गेहूं का ट्रायल लगाया गया था, लेकिन उसके पौधों पर किसी ने ध्यान नहीं दिया और नतीजा यह हुआ कि सभी एक एक करके दम तोड़ते चले गए। इन पौधों को विश्वविद्यालय के फार्म हाउस और कानपुर समेत आसपास के जनपदों में उगाकर उसके उत्पादन, रोग प्रतिरोधक क्षमता और कीटों के हमलों की जानकारी करनी थी। अब इन पर ब्रेक लग गया है। विश्वविद्यालय के कृषि विशेषज्ञ और शीर्ष अधिकारी भी कन्नी काट रहे हैं। हालांकि एक अधिकारी ने कहा कि पंजाब के जालंधर स्थित संस्थान से कुछ बीज मंगवाए गए हैं। उनको शीघ्र ही ट्रायल पर लगवाया जाएगा।
निदेशक शोध डॉ. एचजी प्रकाश ने बताया कि काले गेहूं की वैराइटी बेहद पौष्टिक है। इसमें विटामिन, एंटी ऑक्सीडेंट, फॉलिक एसिड, आयरन, कॉपर, पोटेशियम, फाइबर, अमीनो एसिड आदि तत्व पाए जाते हैं। इसकी खेती प्रदेश में नहीं की जा रही है। विश्वविद्यालय के मीडिया प्रभारी डॉ. खलील खान ने बताया कि काले गेहूं के ट्रायल खराब होने की जानकारी नहीं है। संबंधित वैज्ञानिक से बातचीत की जाएगी। कई बार मिट्टी और अन्य पोषक तत्वों में अंतर होने की वजह से पौधे मर जाते हैं। इस पर काम जारी रहेगा।