पता बदलकर फतेहपुर और बांदा में ब्लैक लिस्टेट फर्म कर रहीं मौरंग खदानों का संचालन
फतेहपुर व बांदा की खदानों में धड़ल्ले से हो रहा कारोबार किस्तें न अदा करने पर 3.37 करोड़ रुपये का हुआ जुर्माना जनवरी 2019 से जुलाई 2019 तक चार किस्तों में पौने चार-चार करोड़ जमा करने थे पट्टाधारक के खिलाफ 7.74 करा़ेड की आरसी जारी
बांदा, जेएनएन। न्यायालय से ब्लैक लिस्टेट संस्था दो-दो जनपदों में नाम व पता बदलकर मौरंग खदानों का संचालन कर रही हैं। फर्म ने कई बार नोटिस के बाद किस्तें नहीं जमा की। इससे फतेहपुर जिलाधिकारी ने फर्म पर 3.37 करोड़ रुपये जुर्माना किया था। साथ ही न्यायालय से संस्था के ब्लैक लिस्टेड किए जाने की जानकारी दी थी।
मेसर्स जय शक्ति रीयलकॉ प्राइवेट लिमिटेड के संचालक फतेहपुर निवासी शिव प्रताप ङ्क्षसह चंदेल के पक्ष में 29 नवंबर 2018 को पांच वर्षों के लिए खनन पट्टा दिया गया था। जनवरी 2019 से जुलाई 2019 तक चार किस्तों में पौने चार-चार करोड़ जमा करने थे। पहले वर्ष में 15.48 करोड़ रुपये प्रतिभूति राशि को छोड़़कर जमा करनी थी। पट्टाधारक के कोई किस्त न जमा करने पर उसके खिलाफ 7.74 करा़ेड रुपये की आरसी जारी की गई। फतेहपुर के तत्कालीन डीएम संजीव सिंह ने जनवरी 2020 के अपने आदेश में कहा था कि उक्त फर्म से रिकवरी करने के साथ ही उसे दो वर्षों के लिए काली सूची में डाला जाता है।
खप्टिहाकलां में चला रहे खदान
इसके बावजूद नाम व पता बदलकर खप्टिहाकलां की साड़ी में मौरंग खदान चला रही है। जबकि जो फर्म ब्लैकलिस्ट हो जाती है उसको यूपी अथवा इस फर्म के नाम से कहीं भी पट्टा संचालन की अनुमति नही होती। फर्म ने बांदा में फतेहपुर का और फतेहपुर में लखनऊ का पता दिया था। यह गलत है। इसमें फर्म एक और मालिक एक है। दोनों जगह यह फतेहपुर व बांदा में अलग-अलग फर्म पते देकर कारोबार करती है।
तत्कालीन डीएम ने की थी कार्रवाई
बांदा के तत्कालीन डीएम अमित ङ्क्षसह बंसल ने पिछले माह लड़ाका पुरवा, सोना खदान, दुरेड़ी आदि पर ताबड़तोड़ छापेमारी की थी। इनमें 15 करोड़ का जुर्माना व लड़ाका पुरवा यूफोरिया माइंस में 37 लाख जुर्माना की कार्रवाई की थी।
इनका ये है कहना
साड़ी खदान की फर्म के ब्लैक लिस्टेड होने के संबंध में जानकारी नहीं है। उन्होंने यहां पिछले माह ही ज्वाइन किया है। इसकी जांच की जाएगी। यदि ऐसा हुआ तो कार्रवाई होगी। - सुभाष सिंह, जिला खनिज अधिकारी, बांदा