जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज में अब Black Fungus की जांच, पोस्ट कोविड मरीजों में है खतरा

ब्लैक फंगस के बढ़ते खतरे को देखते हुए कानपुर में जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज प्राचार्य ने सभी विभागाध्यक्षों के साथ बैठक करके ब्लैक फंगस की जांच के लिए मंथन किया। अब माइक्रोबायोलॉजी विभाग में माइक्रोस्कोपिक एवं रेडियोलॉजिकल जांच पर सहमति बनी।

By Abhishek AgnihotriEdited By: Publish:Sat, 15 May 2021 07:51 AM (IST) Updated:Sat, 15 May 2021 07:51 AM (IST)
जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज में अब Black Fungus की जांच, पोस्ट कोविड मरीजों में है खतरा
मेडिकल कॉलेज में विशेषज्ञ डॉक्टरों की बैठक में मंथन।

कानपुर, जेएनएन। कोरोना वायरस के संक्रमण से उबरने के बाद नॉन कोविड मरीजों में ब्लैक फंगस जैसे लक्षण उभरने लगे हैं। इंटरनेट मीडिया में ब्लैक फंगस को लेकर लगातार खबरें भी वायरल हो रही हैं। इससे आमजन में खलबली मच गई है। वहीं, जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के हैलट अस्पताल में कोरोना से उबरने के बाद 30 वर्षीय युवक ब्लैक फंगस जैसे लक्षण के साथ भर्ती हुआ है। इस बढ़ते खतरे को देखते हुए प्राचार्य ने ब्लैक फंगस की जांच रविवार से शुरू करने के निर्देश दिए हैं। ब्लैक फंगस की पुष्टि के लिए माइक्रोबॉयोलॉजी विभाग में माइक्रोस्कोपिक और रेडियोडायग्नोस्टिक विभाग एमआरआइ जांच कराएगा।

मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य ने शुक्रवार को उप प्राचार्य समेत सभी विभागाध्यक्षों की बैठक बुलाई थी। इसमें हर पहलू पर मंथन किया गया। पहले ब्लैक फंगस की जांच के लिए बायोप्सी कराने पर चर्चा हुई। इसमें ब्लैक फंगस के लक्षण वाले मरीज का सर्जरी कर पूरा अंग निकालने के बाद उसका टिश्यू लिया जाएगा। इसकी सर्जरी पूरे एहितयात एवं सुरक्षा के साथ करनी होगी। इसकी सर्जरी में 8-10 घंटे लगेंगे। उसके बाद जांच रिपोर्ट का इंतजार करना होगा। इस दौरान पीडि़त के दूसरे अंग भी प्रभावित हो जाएंगे। इसलिए इस पर सहमति नहीं बन सकी।

प्राचार्य प्रो. आरबी कमल ने बताया कि ऐसे में मेडिसिन, ईएनटी, नेत्र रोग, माइक्रोबायोलॉजी एवं रेडियोडायग्नोस्टिक विभाग को ही जिम्मेदारी सौंपी गई है। अगर ब्लैक फंगस से मिलते-जुलते लक्षण का कोई मरीज आता है तो उसकी डायग्नोसिस के लिए एमआरआइ जांच कराई जाए। उसके बाद नेजल स्वाब लेकर माइक्रोस्कोपिक जांच के लिए माइक्रोबायोलॉजी विभाग भेजा जाए। साथ ही ईएनटी के कंसल्टेंट भी माइक्रोस्कोप से फंगस की जांच करेंगे। पुष्टि होने के बाद ही रिपोर्ट जारी की जाएगी। बैठक में रविवार से जांच शुरू करने का निर्णय लिया गया है। इससे महानिदेशक चिकित्सा शिक्षा को भी अवगत करा दिया है। प्राचार्य ने तैयारी के लिए एक दिन का समय दिया है।

एंटी फंगल इंजेक्शन के 100 वॉयल का ऑर्डर : प्राचार्य प्रो. आरबी कमल ने बताया कि ब्लैक फंगस के इलाज के लिए एंटी फंगल इंजेक्शन भी मंगाए जा रहे हैं। लोकल स्तर से ही आरसी के जरिए 100 वॉयल का ऑडर दिया गया है। शीघ्र की इंजेक्शन अस्पताल में उपलब्ध हो जाएगा।

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