BJP News Kanpur: हिस्ट्रीशीटर को भाजयुमो में बनाया प्रदेश मंत्री, उपाध्यक्ष का भी इतिहास रहा दागी

भाजयुमो प्रदेश इकाई में अरविंद राज त्रिपाठी को मंत्री और डा. शिवबीर को उपाध्यक्ष बनाया गया है। मंत्री पद पाने वाले अरविंद पर हत्या और हत्या के प्रयास समेत 16 मुकदमे दर्ज हैं और गुंडाएक्ट में भी कार्रवाई हो चुकी है।

By Abhishek AgnihotriEdited By: Publish:Tue, 03 Aug 2021 12:25 PM (IST) Updated:Tue, 03 Aug 2021 05:23 PM (IST)
BJP News Kanpur: हिस्ट्रीशीटर को भाजयुमो में बनाया प्रदेश मंत्री, उपाध्यक्ष का भी इतिहास रहा दागी
भारतीय जनता युवा मोर्चा में दागियों को मिले पद।

कानपुर, जेएनएन। मिशन 2022 की तैयारी में जुटी भाजपा ने सोमवार को भारतीय जनता युवा मोर्चा (भाजयुमो) की प्रदेश कार्यकारिणी घोषित कर दी। कार्यकारिणी में कानपुर के जिन दो भाजयुमो नेताओं अरविंद राज त्रिपाठी व डा.शिवबीर सिंह को जगह मिली उनका इतिहास भी दागी रहा है। अरविंद राज तो थाना काकादेव का हिस्ट्रीशीटर हैं, जबकि शिवबीर हाल ही में हिस्ट्रीशीटर बदमाश को भगाने के मामले में चर्चाओं में आए थे। हालांकि उस मामले में उन पर कोई कार्रवाई नहीं हुई थी।

भाजयुमो प्रदेश पदाधिकारियों की घोषित सूची में शहर से अरविंद राज त्रिपाठी को मंत्री व डा.शिवबीर सिंह भदौरिया को उपाध्यक्ष बनाया गया है। डा.शिवबीर भाजपा दक्षिण और अरविंद राज भाजपा उत्तर में सक्रिय हैं। डा.शिवबीर पिछले तीन सालों से युवा मोर्चा में प्रदेश उपाध्यक्ष के पद पर थे तो अरविंद राज युवा मोर्चा के रचनात्मक प्रकोष्ठ में प्रदेश संयोजक व कई अन्य पदों पर रह चुके हैं। सबसे बड़ा सवाल अरविंद राज के मनोनयन पर है। अरविंद राज थाना काकादेव का हिस्ट्रीशीटर बदमाश है। इनके खिलाफ हत्या, हत्या के प्रयास, रंगदारी सहित तमाम गंभीर धाराओं में 16 मुकदमे दर्ज हैैं। पुलिस ने इसीलिए न केवल हिस्ट्रीशीट खोली, बल्कि गुंडाएक्ट जैसी धाराओं में भी निरुद्ध किया जा चुका है।

वर्ष 2005 में चकेरी थानाक्षेत्र में छात्र नेता सनी गिल की हत्या के मामले में अरविंद को आरोपित बनाया गया था और सीतापुर सेशन कोर्ट ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। इस हत्याकांड में वह लंबे समय तक जेल में रहा। हालांकि बाद में हाईकोर्ट ने बाइज्जत बरी कर दिया था। अरविंद पर एक कैंटीन संचालक की हत्या का भी आरोप लगा था। वहीं, शिवबीर का नाम पिछले दिनों उस समय चर्चाओं में आया, जब हिस्ट्रीशीटर बदमाश को पुलिस अभिरक्षा में भगाने के मामले में वायरल वीडियो में वह भी नजर आया था। हालांकि दैनिक जागरण वायरल वीडियो की पुष्टि नहीं करता है। दावा किया गया कि शिवबीर सिंह आरोपित के सहयोगी थे। हालांकि पुलिस को वीडियो में साक्ष्य नहीं मिले, जिसकी वजह से कार्रवाई नहीं हुई।

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