गोविंदाचार्य बोले- मेरा गांव- मेरा देश, मेरा जिला-मेरी दुनिया पर काम करने का है समय

बिठूर रोड स्थिति सुधांशुजी आश्रम में आयोजित भारत विकास संगम की जिला विकास संगम बैठक में गोविंदाचार्य ने अपने संबोधन में प्रकृति केंद्रित विकास पर जोर दिया। रचनात्मक कार्य करने वाले दो हजार लोगों की सूची बनाई जा रही है।

By Abhishek AgnihotriEdited By: Publish:Sat, 10 Apr 2021 01:53 PM (IST) Updated:Sat, 10 Apr 2021 01:53 PM (IST)
गोविंदाचार्य बोले- मेरा गांव- मेरा देश, मेरा जिला-मेरी दुनिया पर काम करने का है समय
ग्लोबालाइजेशन और बाजारवाद के विकल्प भी सुझाये।

कानपुर, जेएनएन। भाजपा नेता विचारक केएन गोविंदाचार्य ने कहा है कि मौजूदा समय मेरा गांव-मेरा देश मेरा जिला-मेरी दुनिया पर काम करने का है। इसके लिए लोगों से संवाद सहमति और सहकार स्थापित करके स्थान व एक मंच पर लाना होगा। अपने गांव अपने जिले के आसपास और समाज में अच्छा व रचनात्मक कार्य कर रहे लोगों को जोड़ना होगा। तभी ग्लोबलाइजेशन और बाजारवाद की काट हो सकेगी।

बिठूर रोड स्थिति सुधांशुजी आश्रम में आयोजित भारत विकास संगम की जिला विकास संगम बैठक में गोविंदाचार्य ने प्रकृति केंद्रित विकास पर बल देते हुए कहा कि 20 वर्ष पूर्व अध्ययन अवकाश से कई निष्कर्ष व बातें सामने आई हैं। ग्लोबलाइजेशन से देश व समाज में गरीबी और विषमता बढ़ी है। उपभोक्तावाद बढ़ा है, वर्तमान व्यवस्था ने अमीरों को लाभ तो गरीबों को लोभ दिया है। नारी के प्रति दृष्टिकोण में गिरावट आयी है, इस व्यवस्था में बच्चों पर सबसे ज्यादा दुष्प्रभाव पड़े हैं। वर्तमान में चल रही व्यवस्था केंद्रीकरण की काट विकेंद्रीकरण और ग्लोबलाइजेशन की काट के लिए स्थानीकरण तथा बाजारवाद की काट के लिए बाजारमुक्ति ही विकल्प हो सकते हैं।

उन्होंने कहा, इन लक्ष्यों को हासिल करने के लिए मेरा गांव- मेरा देश, मेरा जिला - मेरी दुनिया की थीम पर काम करना होगा। अब हमे अपने परिभाषा में भी थोड़ा परिवर्तन करना होगा। आज समाज में जो लोग अच्छा कार्य कर रहे हैं, वह लोग नवदेवता और जिन स्थानों पर अच्छे कार्य एवं रचनात्मक कार्य चल रहे हैं वह नवतीर्थ माने जाने चाहिए। इस दिशा में भारत विकास संगम कार्य कर रहा है। इसके लिए दो हजार ऐसे लोगों की सूची भी बनाई जा रही है, जिन्होंने समाज एवं देश में अच्छे कार्य किए हैं और रचनात्मक कार्य में लगे हुए हैं, चाहे वह शिक्षा का हो या स्वास्थ्य हो।

भारत विकास संगम के संरक्षक एवं पूर्व सांसद बसवराज पाटिल ने कहा कि कि भारत विकास संगम देश में प्रकृति केंद्रित विकास को केंद्र बनाकर रचनात्मक कार्य में विगत 17 वर्षों से लगा है, उसकी गति काफी तेज हो चुकी है। संगठन अब देशभर में करीब 200 जिलों में लोगों के साथ मिलकर कार्य कर रहा है, जसे चार सौ जिलों तक ले जाने की है। इसे साकार करने के लिए वर्ष 2025 में दक्षिण भारत के कर्नाटक में सातवां भारत विकास संगम आयोजित किए जाने की तैयारी है। करीब 200 एकड़ भूमि पर आयोजित होने वाले कार्यक्रम में देशभर से 20 लाख लोग सम्मलित होंगे। कार्यक्रम में भारत विकास संगठन के राष्ट्रीय संयोजक माधव रेड्डी एवं राष्ट्रीय संगठन मंत्री सुरेश अग्निहोत्री ने भी विचार रखे। कहा, लोगों को जोड़ने के लिए देशभर के गांव एवं जिलों में एक विशेष अभियान चलाया जाएगा।

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