आधा दर्जन पड़ोसी जिले शहर में पूरी कर रहे मटन की खपत, मांग बढ़ने के बाद भी नहीं बढ़े भाव
बर्ड फ्लू से पहले तीन से चार हजार बकरों की खपत रोज हो रही थी। उरई कन्नौज फतेहपुर हरदोई हमीरपुर व कानपुर देहात से आवक। थोक कारोबारी का कहना है कि तीन दिन तक होटल रेस्टोरेंट में चिकन की बिक्री ज्यादा नहीं हुई।
कानपुर, जेएनएन। बर्ड फ्लू के चलते चिकन की खपत तो कम हो गई लेकिन मटन की खपत डेढ़ से दो गुना तक बढ़ गई। पहले शहर में तीन से चार हजार बकरे रोज बिक रहे थे, इनकी खपत अब छह हजार तक पहुंच गई है। यह खपत कानपुर के आसपास के आधा दर्जन जिले पूरी कर रहे हैं। दूसरी ओर मछलियों की डिश की ज्यादा वैराइटी ना होने की वजह से होटल व रेस्टोरेंट की जगह घरों में ही इसकी खपत ज्यादा हुई है।
कानपुर में सरसौल, घाटमपुर, चौबेपुर आदि ग्रामीण क्षेत्रों से शहर में रोज ही बकरों की आपूर्ति होती है। इसके अलावा आसपास के जिलों से भी बकरे आ जाते हैं। अभी तक तीन से चार हजार बकरों की बिक्री की वजह से बहुत ज्यादा दबाव पड़ोसी जिलों पर नहीं था लेकिन पिछले तीन दिनों से रोज छह हजार बकरे बिक रहे हैं। को लेकर थोक कारोबारी साहबे आलम का कहना है कि तीन दिन तक होटल, रेस्टोरेंट में चिकन की बिक्री ज्यादा नहीं हुई। हां घरों में इसकी बिक्री बढ़ी।
तुरंत शुरू हुई मटन की सप्लाई
कानपुर में कन्नौज, फतेहपुर, हरदोई, हमीरपुर, कानपुर देहात, उरई से बकरों की आवक होती है। जिनके पास भी बकरे थे, उन्होंने तुरंत सप्लाई शुरू कर दी, इसकी वजह से मटन की आपूर्ति मांग के बराबर हुई है। इसीलिए भाव नहीं बढ़े हैं।