कानपुर में बिल पर 150 और बिना बिल के 300 रुपये में सरकारी एंबुलेंस को मिलता सिलिंडर, जानिए स्वास्थ्य विभाग का पूरा खेल

40 गाडिय़ां 108 और 40 गाडिय़ां 102 की सेवाएं दे रही हैं। 108 एंबुलेंस में तीन सिलिंडर होते हैं। जबकि 102 में दो सिलिंडर रहते हैं। मरीजों के लिए सिलिंडर रीफिलिंग कराने के लिए चालकों को ड्यूटी के समय घंटों आक्सीजन प्लांट में लाइन में लग सिलिंडर रीफिलिंग कराना पड़ता

By Akash DwivediEdited By: Publish:Sun, 02 May 2021 06:05 PM (IST) Updated:Sun, 02 May 2021 06:05 PM (IST)
कानपुर में बिल पर 150 और बिना बिल के 300 रुपये में सरकारी एंबुलेंस को मिलता सिलिंडर, जानिए स्वास्थ्य विभाग का पूरा खेल
गर बिल न मांगे तो एक सिलिंडर तीन सौ रुपये में मिलता है

कानपुर, जेएनएन। मरीजों को समय से अस्पताल पहुंचाने में लगी 108 और 102 एंबुलेंस मौजूदा समय में कोरोना संक्रमित मरीजों को भी लाने ले जाने का काम कर रही हैं। सभी गाडिय़ों में आक्सीजन सिलिंडर होना अनिवार्य होता है। चालकों को सिलिंडर रीफिल कराने के लिए घंटों लाइन में लगना पड़ता है। बिना बिल के महंगा सिलिंडर मिलता है। जबकि बिल मांगने पर निर्धारित रेट पर सिलिंडर मिलता है।

शहर में मरीजों और घायलों को अस्पताल पहुंचाने के लिए 40 गाडिय़ां 108 और 40 गाडिय़ां 102 की सेवाएं दे रही हैं। 108 एंबुलेंस में तीन सिलिंडर होते हैं। जबकि 102 में दो सिलिंडर रहते हैं। मरीजों के लिए सिलिंडर रीफिलिंग कराने के लिए चालकों को ड्यूटी के समय घंटों आक्सीजन प्लांट में लाइन में लगकर सिलिंडर रीफिलिंग कराना पड़ता है। नाम न छापने की शर्त पर एंबुलेंस चालक ने बताया कि कहीं भी बिना बिल के सामान खरीदने पर कुछ सस्ता मिलता है। अगर बिल मांगा जाए तो उसकी कीमत अधिक हो जाती है। सरकारी एंबुलेंस में आक्सीजन रीफिलिंग में उल्टा चलता है। अगर बिल न मांगे तो एक सिलिंडर तीन सौ रुपये में मिलता है। बिल मांगने पर उसी सिलिंडर की कीमत ठीक आधी हो जाती है। एंबुलेंस चालक का कहना है कि पहले तो सिलिंडर अपने खर्च से रीफिल कराना पड़ता है। बिल लगाने पर उसका भुगतान होता है। 

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